अगर आपकी कंपनी ने टैक्सेबल सैलरी से ज्यादा टीडीएस काटा है तो आपको टीडीएस रिटर्न फाइल करना चाहिए. आयकर विभाग आपके वेतन पर कुल कर की गणना करेगा. अगर यह कर आपकी कंपनी द्वारा काटे गए कर से कम है तो कर की शेष राशि आपको वापस कर दी जाएगी. अगर कंपनी की ओर से काटी गई रकम कम और टैक्सेबल रकम ज्यादा है तो आईटी डिपार्टमेंट (IT Department) आपसे बकाया टीडीएस जमा करने को कहेगा. याद रखें कि रिटर्न दाखिल करते समय आपको अपने बैंक का IFSC कोड लिखना होगा तभी आपके खाते में रिफंड आएगा.
2
यदि आपका वेतन आयकर के योग्य नहीं है या कहें कि आपके वेतन पर कोई कर देय नहीं है भले ही आपका बैंक आपके सावधि जमा (Fixed Deposi) के ब्याज पर कर काट लेता है तो आपको यह टीडीएस राशि भी वापस मिल जाएगी. इसके लिए दो तरीके हैं:
आईटी रिटर्न में इसका उल्लेख करें. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी टैक्स देनदारी की गणना अपने आप कर लेगा. अगर कोई टैक्स नहीं बनता है तो यह राशि आपके बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी.
आप फॉर्म 15G भरें और अपने बैंक में जमा करें. अपने बैंक को बताएं कि मेरा वेतन कर योग्य नहीं है इसलिए काटे गए टीडीएस (TDS) को वापस करें.
3
वरिष्ठ नागरिक सावधि जमा के ब्याज पर कोई कर नहीं देना होता है. फिर भी अगर आप इस वर्ष 60 वर्ष के हो गए हैं और चाहते हैं कि बैंक आपका टीडीएस न काटे तो फॉर्म 15H भरें और बैंक को दें. जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य में बैंक आपके एफडी ब्याज पर टीडीएस नहीं काटेगा.
4
टीडीएस रिफंड जल्दी आ जाए इसके लिए जरूरी है कि आप अपना आईटीआर समय पर भरें क्योंकि जितनी जल्दी आप रिटर्न फाइल करेंगे उतनी ही जल्दी रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. अगर आप टीडीएस रिफंड का स्टेटस चेक करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ई-फाइलिंग पोर्ट https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/ पर जाकर लॉग इन करना होगा. इसके बाद 'व्यू ई-फाइल रिटर्न्स/फॉर्म्स' सेक्शन में जाएं. असेसमेंट ईयर के लिए आईटीआर वार चेक करें. एक अलग पेज खुलेगा जहां रिफंड की स्थिति दिखाई जाएगी. इसके अलावा आप सीपीसी बैंगलोर के टोल फ्री नंबर 1800-4250-0025 पर कॉल करके भी स्थिति जान सकते हैं.
5
अगर आपने समय पर आईटीआर फाइल किया है तो तीन से छह महीने में रिफंड आ जाता है.