डीएनए हिंदी: कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत एक उच्च स्तरीय समिति ने वेतन सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. समिति ने कहा है कि वेतन सीमा मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रति माह की जाए. समिति का कहना है कि सरकार इस पर विचार कर रही है और इसे पिछली तारीख से लागू किया जा सकता है.
किसे मिलेगा फायदा?
अगर इस प्रस्ताव को लागू किया जाता है तो लगभग 7.5 लाख अतिरिक्त कर्मचारी लाभान्वित होंगे क्योंकि वे भी इस योजना के तहत शामिल होंगे और 2014 में पिछली बार संशोधित वेतन वृद्धि के लिए समायोजित भी करेंगे. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा , "अगर इस सुझाव को ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है तो यह उन नियोक्ताओं को राहत देगा जो किसी भी अतिरिक्त वित्तीय बोझ को तुरंत वहन करने के इच्छुक हैं."
सरकारी खजाने को राहत
दरअसल नियोक्ताओं ने कोरोना महामारी के कारण बिगड़ते बजट का हवाला देते हुए इस बढ़ोतरी की मांग की थी. अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो सरकारी खजाने को भी राहत मिलेगी क्योंकि केंद्र सरकार फिलहाल ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना के लिए हर साल करीब 6,750 करोड़ रुपये का भुगतान करती है. आपको बता दें कि सरकार इस योजना के लिए EPFO अंशधारकों के कुल मूल वेतन का 1.16 प्रतिशत योगदान करती है.
ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (Central Board of Trustees of EPFO) में शामिल केई रघुनाथन ने कहा कि ईपीएफओ के भीतर एक आम सहमति है कि EPFO और ESIC दोनों के तहत सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए समान मानदंडों का पालन किया जाना चाहिए. दोनों योजनाओं के तहत मानदंडों में अंतर श्रमिकों को उनके सामाजिक सुरक्षा लाभों से वंचित नहीं करना चाहिए.
EPS के संबंध में अब क्या नियम हैं?
जब हम नौकरी शुरू करते हैं और ईपीएफ के सदस्य बन जाते हैं तो साथ ही हम ईपीएस के सदस्य भी बन जाते हैं. कर्मचारी अपनी सैलरी का 12% EPF में देता है. उतनी ही राशि उसकी कंपनी भी देती है, लेकिन उसका 8.33 फीसदी हिस्सा EPS में भी जाता है जैसा कि हमने ऊपर बताया कि वर्तमान में अधिकतम पेंशन योग्य वेतन केवल 15 हजार रुपये हैं. यानी हर महीने पेंशन का हिस्सा अधिकतम (15000 का 8.33%) 1250 रुपये है.
कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने पर भी पेंशन की गणना के लिए अधिकतम वेतन 15 हजार रुपये माना जाता है इसके अनुसार EPS के तहत एक कर्मचारी को अधिकतम 7,500 रुपये पेंशन मिल सकती है.
ऐसे होती है पेंशन की गणना
एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि अगर आपने 1 सितंबर 2014 से पहले EPS में योगदान देना शुरू कर दिया है तो आपके लिए पेंशन योगदान के लिए मासिक वेतन की अधिकतम सीमा 6,500 रुपये होगी. अगर आपने 1 सितंबर 2014 के बाद ईपीएस ज्वाइन किया है तो अधिकतम वेतन सीमा 15,000 होगी. अब देखिए पेंशन की गणना कैसे होती है.
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