EPFO Update: EPFO ​​जल्द ही कर सकता है बड़ा बदलाव, दुकानदारों को भी मिलेगी पेंशन

Written By नेहा दुबे | Updated: Sep 14, 2022, 04:20 PM IST

EPF Update

15,000 रुपये की वेतन सीमा को हटाने के लिए EPF सुधार करने वाला है. इस बदलाव के बाद स्वरोजगार करने वाले लोग भी EPFO योजना से जुड़ सकेंगे.

डीएनए हिंदी: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO एक अहम प्रस्ताव पर काम कर रहा है. EPFO कंपनी में कर्मचारियों की सैलरी और लिमिट खत्म करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. इस प्रस्ताव को सभी प्रकार के औपचारिक कर्मचारियों और स्वरोजगार करने वाले लोगों के लिए लागू करने पर विचार किया जा रहा है. इसका मतलब यह है कि जिन लोगों की सैलरी 15,000 रुपये से कम है और जिस कंपनी में 20 कर्मचारी भी नहीं हैं उसे भी EPFO ​​की रिटायरमेंट स्कीम में शामिल किया जा सकता है.

इस नए प्रस्ताव को लागू करने के लिए ईपीएफओ अलग-अलग पार्टियों से बात कर रहा है और राज्य सरकारों से भी बात कर ली गई है.. फिलहाल 15,000 रुपये सैलरी वाले लोग ही EPFO ​​स्कीम का फायदा उठा सकते हैं. साथ ही जिस कंपनी में कम से कम 20 कर्मचारी हों, वही कंपनी अपने कर्मचारियों को EPFO ​​योजना में जोड़ सकती है. 15,000 रुपये और 20 कर्मचारियों की वेतन सीमा को हटाने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 में सुधार होने की संभावना है. इस बदलाव के बाद स्वरोजगार करने वाले लोग भी ईपीएफओ योजना से जुड़ सकेंगे.

एक बार ईपीएफओ के नियमों में यह संशोधन हो जाने के बाद वेतन और कर्मचारियों की अनिवार्य संख्या का नियम समाप्त हो जाएगा. फिर कोई भी कंपनी जिसके पास कोई आय या वेतन और कोई भी नंबर हो वह EPFO ​​में शामिल हो सकेगी. वर्तमान में EPFO ​​की सेवानिवृत्ति योजना का लाभ उसी कर्मचारी या कर्मचारी को मिलता है जिसका वेतन 15,000 रुपये से अधिक है. EPFO अपने सदस्यों को भविष्य निधि (Provident Fund), पेंशन (Pension) और बीमा की सुविधा प्रदान करता है. ये सुविधाएं ईपीएफ, कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) और कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना (Employee Deposit Linked Insurance Scheme) के तहत प्रदान की जाती हैं.

वहीं, एक समिति ने ईपीएफ की वेतन सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने का सुझाव दिया है. मौजूदा नियमों के मुताबिक EPFO ​​में सिर्फ वही कर्मचारी शामिल हो सकते हैं, जिसकी सैलरी 15,000 रुपये तक है. नियम कहता है कि कंपनी की ओर से 15,000 रुपये मासिक वेतन वाले कर्मचारी को ईपीएफ योजना का लाभ देना जरूरी है. अगर समिति की सिफारिश मान ली जाती है तो वेतन सीमा 21,000 रुपये हो सकती है. इससे पहले 2014 में वेतन सीमा बढ़ाई गई थी. ईपीएफ की स्थापना साल 1952 में हुई थी और 9वीं बढ़ोतरी आखिरी बार 2014 में की गई थी.

EPF में जमा पैसा रिटायरमेंट सुविधाओं के लिए है. लेकिन विपरीत परिस्थितियों में या कुछ शर्तों के अधीन पीएफ से पैसा निकाला जा सकता है. कोरोना काल में सरकार ने पीएफ से एडवांस पैसा निकालने की अनुमति दी थी. 21,000 रुपये की सीमा तय होते ही देश के करीब 75 लाख कर्मचारी पीएफ के दायरे में आ जाएंगे. वर्तमान में ईपीएफ का लाभ 6.80 करोड़ लोगों को दिया जाता है. लेकिन अगर ईपीएफओ वेतन सीमा के नियम को खत्म कर देता है तो औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले और स्वरोजगार करने वालों को भी फायदा होगा. ईपीएफ के तहत कर्मचारियों को भविष्य निधि (Provident Fund), पेंशन (Pension) और बीमा योजनाओं (Insurance Schemes) का लाभ दिया जाता है.

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