डीएनए हिंदी: भारत का विदेशी कर्ज लगातार बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2022 में यह 8.2 प्रतिशत बढ़कर 620.7 अरब डॉलर हो गया है. हालांकि वित्त मंत्रयालय ने कर्ज को सस्टेनेबल बताया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि कर्ज का स्तर अभी कम हो सकता है इसलिए कोई दिक्कत की बात नहीं है. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार यानी कि 2 सितंबर को विदेशी कर्ज से जुड़े आंकड़े जारी किए और बताया कि 31 मार्च 2022 को खत्म हुए वित्त वर्ष में देश का विदेशी कर्ज एक साल की तुलना में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 620.7 अरब डॉलर हो गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक आंकड़ों के हिसाब से इस विदेशी कर्ज का 53.2 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी डॉलर के तौर पर है जबकि 31.2 प्रतिशत कर्ज का पेमेंट भारतीय रुपये में करना है.
वित्त मंत्रालय का बयान
वित्त मंत्रालय ने विदेशी कर्ज पर कहा, "भारत का विदेशी कर्ज सतत और बेहतर तरीके से प्रबंधित है. मार्च, 2022 के अंत में इसका साइज 620.7 अरब डॉलर था जो एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत ज्यादा है. वित्त वर्ष 2022 में जीडीपी के अनुपात में विदेशी कर्ज 19.9 प्रतिशत रहा है. वहीं विदेशी मुद्रा भंडार और विदेशी कर्ज का अनुपात 97.8 प्रतिशत रहा है."
बहरहाल विदेशी मुद्रा के अनुपात के रूप में विदेशी मुद्रा भंडार का 97.8 प्रतिशत का होना एक साल पहले के 100.6 प्रतिशत की तुलना में गिरावट के स्तर को दिखाता है.
क्या कहती है वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश पर 499.1 अरब डॉलर का लंबी अवधि का कर्ज है जो टोटल विदेशी कर्ज का 80.4 प्रतिशत है. वहीं देश पर शॉर्ट टर्म कर्ज मात्र 121.7 अरब डॉलर है जो कुल कर्ज का लगभग 19.6 प्रतिशत है.
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