IRCTC rules changed: टिकट नहीं होने पर भी टीटीई आपको ट्रेन से नहीं उतार सकता, जानिए रेलवे का यह नियम

Written By नेहा दुबे | Updated: Jul 14, 2022, 05:03 PM IST

IRCTC rules changed

IRCTC Rules: भारतीय रेलवे के कई ऐसे नियम हैं जिनके बारे में यात्रियों के अलावा रेलवे स्टाफ को भी जानकारी नहीं है. उन नियमों में से एक यह है कि अगर किसी महिला यात्री के पास टिकट नहीं होता है तब भी टीटीई उसे ट्रेन से नहीं उतार सकता है.

डीएनए हिंदी: भारतीय रेलवे (IRCTC) द्वारा लंबी दूरी की यात्रा करना हमेशा आरामदायक होता है. अगर आप भी अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं तो आपको भारतीय रेलवे के नियमों के बारे में जरूर पता होना चाहिए. अगर आप इन नियमों के बारे में जानते हैं तो ये किसी भी स्थिति में आपके काम आ सकते हैं. रेलवे के नियमों के बारे में जानकर आप समझ जाएंगे कि आपके साथ सह-यात्री, रेलवे कर्मचारी या अधिकारी दुर्व्यवहार नहीं कर सकते हैं.
 
तीन दशक पहले बना था नियम

रेलवे के एक नियम के मुताबिक अगर कोई महिला यात्री ट्रेन में सफर के दौरान अकेली है और उसके पास टिकट नहीं है तो टीटीई उसे चेकिंग के दौरान ट्रेन से नीचे नहीं उतार सकता. यह नियम तीन दशक (तीस साल) पहले रेलवे बोर्ड ने बनाया था. महिला सशक्तिकरण के तहत अब इसे सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया गया है.
 
स्टाफ को कम जानकारी है

रेलवे के कर्मचारी भी इस नियम के बारे में बहुत कम जानते हैं. संबंधित नियम पर रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्री को किसी स्टेशन या जंक्शन पर ट्रेन से उतारने पर दुर्घटना हो सकती है. महिला यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए इस नियम को 1989 में कानून बनाया गया था.
 
जीआरपी की महिला आरक्षक की जिम्मेदारी

रेलवे नियमावली में स्पष्ट है कि यदि एक भी महिला यात्री के पास टिकट नहीं है तो टीटीई उसे किसी भी स्टेशन पर नहीं उतार सकता है. इसके लिए टीटीई को पहले जिला मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम को सूचना देनी होगी. दूसरी ट्रेन में टिकट के साथ बैठने की जिम्मेदारी जीआरपी (GRP) की महिला कांस्टेबल की होती है.
 
महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई नियम

महिला सशक्तिकरण के लिए रेलवे लगातार काम कर रहा है. इन प्रयासों में महिला यात्रियों की सेफ्टी, सिक्योरिटी और सुविधा में सुधार करना शामिल है. रेलवे बोर्ड ने महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न मोर्चों पर काम करने का फैसला किया है. इसमें एकल महिला यात्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाने होंगे.
 
रेलवे बोर्ड की ओर से कहा गया कि अगर अनारक्षित कोच (unreserved coach) में वेटिंग लिस्ट का नाम है तब भी एक भी महिला को ट्रेन से नहीं उतारा जा सकता. अगर एक अकेली महिला स्लीपर टिकट पर एसी कोच में यात्रा कर रही है तो टीटीई उसे स्लीपर में जाने का अनुरोध कर सकता है.

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