ITR Invalid Details: ITR अमान्य घोषित होने पर इसे फिर से कैसे भरें?

नेहा दुबे | Updated:Aug 12, 2022, 11:40 AM IST

ITR Filing

इनकम टैक्स कानून के मुताबिक अगर किसी ITR को अमान्य घोषित किया जाता है तो आयकर विभाग उस आईटीआर को ऐसे मानता है जैसे कि उसे फाइल ही नहीं किया गया है. ITR को कई कारणों से आयकर विभाग द्वारा अमान्य घोषित किया जाता है.

डीएनए हिंदी: असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख निकल चुकी है. आईटीआर दाखिल करने के बाद एक महत्वपूर्ण कार्य आईटीआर सत्यापित करना है. यह काम आईटीआर वेरीफाई करने के बाद ही पूरा होता है. ITR वेरिफाई होने के बाद ही इनकम टैक्स विभाग इस पर आगे की कार्रवाई करता है.

यदि कोई आयकर दाता आईटीआर दाखिल करने के बाद निर्धारित समय के भीतर आईटीआर को सत्यापित नहीं करता है तो आईटीआर अमान्य हो जाता है. जुलाई 2022 से पहले आईटीआर दाखिल करने वाले आयकर दाता आईटीआर दाखिल करने की तारीख से 120 दिनों के भीतर आईटीआर सत्यापित कर सकते हैं. लेकिन जिन लोगों ने 31 जुलाई के बाद आईटीआर फाइल किया है उन्हें इस बार वेरिफाई करने के लिए सिर्फ 30 दिन का समय मिलेगा.

ITR अमान्य हो जाने पर क्या करें?

इनकम टैक्स कानूनों के मुताबिक अगर किसी आईटीआर को अमान्य घोषित किया जाता है तो आयकर विभाग उस आईटीआर को ऐसे मानता है जैसे कि उसे फाइल ही नहीं किया गया हो. आयकर कानून के जानकारों का कहना है कि अमान्य आईटीआर फिर से दाखिल किया जा सकता है. आयकर दाता संशोधित आईटीआर या विलंबित आईटीआर दाखिल कर सकता है. लेकिन अगर ऐसा तभी किया जा सकता है जब रिवाइज्ड आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन बची हो. अंतिम तिथि बीत जाने के बाद आयकर दाता उस निर्धारण वर्ष के लिए आयकर दाखिल करने से वंचित हो जाता है.

incometaxindia.gov.in के अनुसार ऐसी स्थिति में कर निर्धारण अधिकारी आयकर अधिनियम की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आयकर दाता को आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए कह सकता है. जिन मामलों में निर्धारण अधिकारी धारा 144 के तहत अपने सर्वोत्तम निर्णय के आधार पर मूल्यांकन करने के लिए बाध्य है वे हैं-

जब आयकर दाता उपरोक्त में से कोई भी आईटीआर दाखिल करने में विफल रहता है और निर्धारण अधिकारी को लगता है कि आयकर दाता की आय का आकलन करना आवश्यक है तो वह आयकर की धारा 142 (1) के तहत आयकर दाता को आयकर अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया जा सकता है.  उसे आईटीआर भरने के लिए कहा जा सकता है. नोटिस प्राप्त होने पर आयकर दाता संशोधित या विलंबित आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी आईटीआर दाखिल कर सकता है.

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