LocalCircles Survey का आया रिपोर्ट, 38% Policyholders ने प्रीमियम में 50% तक की वृद्धि देखी

Written By नेहा दुबे | Updated: Aug 25, 2022, 03:43 PM IST

Health Insurance

LocalCircles ने एक सर्वे जारी किया है जिसमें पता चला है कि पिछले साल की तुलना में इस साल स्वास्थ्य बीमाधारकों में वृद्धि हुई है.

डीएनए हिंदी: क्या आप सरकारी स्वास्थ्य सेवा या बीमा योजना के का लाभ उठाते हैं? यदि नहीं तो आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य बीमा कवर के लिए पिछले साल के मुकाबले इस साल प्रीमियम लेना ज्यादा महंगा पड़ सकता है. 2030 तक सरकार का "Universal Healthcare for All" का का वादा उन सभी के लिए एक बहुप्रतीक्षित सपना है जो लगातार स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) कवर के लिए प्रीमियम दे रहे हैं. हालांकि कई ऐसे लागत भी होते हैं जो बीमा पॉलिसी द्वारा कवर नहीं किए जाते जिसकी वजह से पॉलिसीधारक की जेब पर और ज्यादा असर पड़ता है.

स्थानीय सर्किलों द्वारा स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में उल्लेखनीय वृद्धि के संबंध में हजारों पोस्ट और टिप्पणियां प्राप्त होने के बाद इसको लेकर एक राष्ट्रीय सर्वे किया गया. अगस्त 2021 और अगस्त 2022 के दौरान किए गए सर्वेक्षण में देश के 287 जिलों के लोगों से बढ़ते स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 20,000 प्रतिक्रियाएं दर्ज की गईं.

उत्तरदाताओं में लगभग 67% पुरुष थे जबकि 33% महिलाएं थीं जिनमें से 47% महानगरों या टियर 1 जिलों से 35% टियर 2 जिलों से और 18% टियर 3, 4 और ग्रामीण जिलों से थीं.

लगभग 10,000 उत्तरदाताओं में से लगभग 38% ने "पिछले 12 महीनों में आपका वार्षिक बीमा कितना बढ़ा है" सवाल पर कहा कि उन्होंने 50% या उससे अधिक का भुगतान किया था, जबकि 24% नागरिकों ने 25% -50% अधिक प्रीमियम का भुगतान किया था और 11% ने अपने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में 10% -25% की वृद्धि देखी, अन्य 9% ने 0% -10% अधिक प्रीमियम का भुगतान किया. केवल 28% को अधिक भुगतान नहीं करना पड़ा या बीमा प्रीमियम में गिरावट देखी गई या वे इस बात से अनजान थे उनके नियोक्ता इसकी देखभाल करते हैं.

सर्वे की प्रतिक्रियाओं से यह स्पष्ट था कि प्रीमियम में वृद्धि की भयावहता से कई लोग अनजान हैं. पिछले साल, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में 25% से अधिक की वृद्धि का अनुभव करने वाले उत्तरदाताओं का प्रतिशत 34% था, इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 62% हो गई. कुल मिलाकर एक औसत भारतीय, 2021 में 10% की वृद्धि का अनुभव करने के बाद अब औसतन 25% की वृद्धि का अनुभव कर रहा है. स्वतंत्र नीतियों वाले कई वरिष्ठ नागरिकों ने 50% से अधिक की वृद्धि दर्ज की जिससे बढ़ती मुद्रास्फीति (Inflation) के बीच उनकी सेवानिवृत्ति के फाइनेंस में कमी आई है.

विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले दो वर्षों के दौरान उच्च भुगतान सहित कई कारणों से स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में महामारी के बाद 10% से 25% के बीच वृद्धि हुई है. वरिष्ठ नागरिकों के मामले में policybazaar.com के अनुसार "स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में 100% तक की वृद्धि हुई है."

लोकलसर्किल के प्लेटफॉर्म पर फीडबैक से पता चलता है कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए प्रीमियम राशि पिछले दो वर्षों में दोगुनी हो गई है. उदाहरण के लिए अगर 2019 - 20 में दो लोगों के लिए पॉलिसी प्रीमियम 28,000 रुपये था तो यह इस वर्ष 55,000 रुपये और 60,000 रुपये के बीच है.

इसके अलावा, 2019 सितंबर में, IRDAI ने बीमा कवर के तहत बहिष्करणों के मानकीकरण की शुरुआत की थी. इसके मुताबिक बीमा प्रदाता कुछ बीमारियों को पॉलिसी से बाहर नहीं कर सकते हैं. IRDAI ने कंपनियों के लिए उपचार के कुछ आधुनिक तरीकों के लिए कवरेज प्रदान करना जरूरी कर दिया है.

संक्षेप में कहें तो पांच में से प्रत्येक तीन भारतीयों ने 2021 में एक बड़ी वृद्धि के बाद साल 2022 में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में 25% से अधिक की वृद्धि का अनुभव किया है जिसमें 38% ने अपने प्रीमियम में लगभग 50% की वृद्धि हुई है.

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