Monkeypox Cases in India: भारत में पाया गया पहला केस, Insurance Policy से हो सकेगी मरीजों और यात्रियों की मदद

नेहा दुबे | Updated:Jul 15, 2022, 07:14 PM IST

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Monkeypox in rising in India: भारत में मंकीपॉक्स का पहला केस आ गया है. अगर आपके पास मेडिक्लेम पॉलिसी है तो आप किसी भी शहर के अस्पताल में इलाज करवा सकते हैं.

डीएनए हिंदी: भारत में मंकीपॉक्स (monkeypox in india) का पहला मामला केरल के कोल्लम जिले से सामने आया है. एक 35 वर्षीय व्यक्ति मंकीपॉक्स से पीड़ित पाया गया है. दरअसल हाल ही में यह व्यक्ति विदेश से लौटा था और उसमें मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. भारत सरकार ने मंकीपॉक्स के पुख्ता होने के मद्देनजर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों (State Health Authorities) को स्थापित करने में राज्य स्वास्थ्य (public health measures) अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए गुरुवार को केरल में एक उच्च-स्तरीय बहु-अनुशासनात्मक टीम (high-level multi-disciplinary team) भेजी है.
 
बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि मंकीपॉक्स जैसे संक्रामक रोगों के इलाज का खर्च बुनियादी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी (basic health insurance policy) के तहत कवर किया जाता है.
 
Reliance General Insurance के सीईओ राकेश जैन ने कहा “भारत में पहले मंकीपॉक्स (monkeypox) के मामले की रिपोर्ट के मद्देनजर, यह याद रखना जरूरी है कि मंकीपॉक्स सहित सभी संक्रामक रोग बुनियादी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के अंतर्गत आते हैं. यदि किसी व्यक्ति में लक्ष्ण पाया जाता और इस तरह अस्पताल में भर्ती कराया जाता है तो उसे एक व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत कवर किया जाएगा.”
 
बता दें कि मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए विदेश जाने वाले यात्रियों के लिए जरूरी हो गया है कि वे मेडिकल इमरजेंसी (medical emergencies) के लिए ट्रैवल इंश्योरेंस कवर मुहैया कराएं.
 
RenewBuy के सह-संस्थापक इंद्रनील चटर्जी ने कहा कि “कोई भी व्यक्ति जो भारत से बाहर यात्रा कर रहा है उसे अपनी विदेश मेडिक्लेम पॉलिसी की स्पष्ट रूप से जांच करनी चाहिए. चाहे वायरस जनित रोग कवर किया गया हो या नहीं. यदि इसे कवर किया जाता है तो क्या इस बीमारी का इलाज भारत के बाहर किया जा सकता है या नहीं. अगर किसी को भारत के बाहर मंकी पॉक्स होता है तो उसे भारत में इलाज करना होगा नीति नियमों और शर्तों के अधीन लाया जाना चाहिए.”
 
उन्होंने कहा, "यह हमेशा रिकमेंड किया जाता है कि बेहतर कवरेज के लिए सुरक्षित पक्ष पर भारत से बाहर यात्रा करने से पहले व्यापक स्वास्थ्य खरीदना चाहिए."
 
मंकीपॉक्स के लक्ष्ण पाए जाने पर इलाज के उपाय

यदि किसी व्यक्ति को यात्रा के दौरान मंकीपॉक्स हो जाता है तो उसे पहले तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए. चटर्जी ने कहा कि “अगर किसी के पास स्वास्थ्य/यात्रा बीमा पॉलिसी है और उसे मंकीपॉक्स के लिए अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है तो वह अस्पताल में भर्ती होने के बाद दावा प्राप्त करने में सक्षम होगा.”
 
स्वास्थ्य बीमा योजना में दो प्रकार के क्लेम स्वीकार्य हैं - कैशलेस और प्रतिपूर्ति दावे (Cashless and reimbursement claims)
 
कैशलेस दावे तब काम करते हैं जब अस्पताल पॉलिसीधारक (policyholder) की तरफ से उन्हें प्रोसेस करते हैं, इसलिए उपभोक्ता की भागीदारी न्यूनतम है.
 
रिम्बर्समेंट क्लेम के लिए किसी व्यक्ति को पूरे क्लेम को खुद प्रोसेस करने की जरुरत होती है. मेडिकल रिम्बर्समेंट क्लेम करते समय, मेडिकल  बिलों का पेमेंट पॉलिसीहोल्डर द्वारा किया जाता है और बाद में स्वास्थ्य बीमा कंपनी द्वारा दावा किया जाता है. रिम्बर्समेंट क्लेम का एक लाभ यह है कि  पॉलिसीधारक अपने पसंद के अस्पताल में इलाज करवा सकता है.
 
कुछ ट्रेवल पॉलिसीज सिर्फ आकस्मिक मृत्यु और आकस्मिक अस्पताल में भर्ती होने को कवर करती हैं. मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती उन पालिसीज में शामिल नहीं है.
 
मंकीपॉक्स क्या होता है?

मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के रोगियों में देखे गए लक्षणों के जैसे ही हैं. हालांकि डॉक्टरों ने मंकीपॉक्स को मेडिकली कम गंभीर कहा है. मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित व्यक्ति या जानवर के कांटेक्ट से घावों, शरीर के तरल पदार्थ, सांस, लार से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.


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