डीएनए हिंदी: अगर आप भी सहारा इंडिया (Sahara India) में फंसे पैसे से परेशान हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. दरअसल सहारा इंडिया (Sahara India Refund) के रिफंड को लेकर सरकार हरकत में आ गई है. सरकार की ओर से कई बड़े कदम भी उठाए गए हैं. बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने सहारा समूह की दो कंपनियों सुब्रत रॉय और तीन अन्य पर 12 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया है. इससे पहले सरकार की ओर से जानकारी दी गई थी कि सहारा इंडिया के निवेशकों (Sahara India Investors) को पैसा कब वापस मिलेगा.
सरकार ने दी जानकारी
सरकार ने सहारा इंडिया (Sahara India) के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक सेबी (SEBI) सहारा के निवेशकों को ब्याज समेत सिर्फ 138.07 करोड़ रुपये ही वापस कर पाया है. सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Sahara India) ने 232.85 लाख निवेशकों से 19400.87 करोड़ रुपये और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (Sahara Housing Investment Corporation Ltd.) ने 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये एकत्र किए. यानी अब भी निवेशकों के करोड़ों रुपये फंस गए हैं.
अब तक आपको कितने रिफंड मिले हैं?
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 31 अगस्त 2012 को आदेश दिया जिसके बाद सहारा इंडिया ने निवेशकों से जमा 25,781.37 करोड़ रुपये की मूल राशि के खिलाफ 31 दिसंबर, 2021 तक 'सेबी-सहारा रिफंड' (SEBI-Sahara Refund) खाते में 15,503.69 करोड़ रुपये जमा किए हैं. वित्त राज्य मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सेबी को कुल 81.70 करोड़ रुपये की मूलधन राशि के 53,642 मूल बांड प्रमाण पत्र/पासबुक से संबंधित 19,644 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से सेबी ने 17,526 पात्र बांडधारकों को कुल 138.07 करोड़ रुपये के 48,326 मूल बांड प्रमाण पत्र / पासबुक वापस कर दिए हैं.
निवेशकों को उनका पैसा कब मिलेगा?
सहारा इंडिया के निवेशकों को उनका पैसा कब वापस मिलेगा? इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India) ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन नाम की दो विशेष सहारा कंपनियों से संबंधित आदेश जारी किए हैं. इसके अलावा सरकार ने कहा कि शेष आवेदन एसआईआरईसीएल (SIRECL) और एसएचआईसीएल (SHICL) द्वारा दिए गए दस्तावेजों और डेटा में ट्रेस करने योग्य नहीं थे जिसके बाद सेबी द्वारा पूछे गए प्रश्न बांडधारकों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं होने के कारण बंद कर दिए गए थे.
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