डीएनए हिंदी: भारत के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के कस्टमर्स लिए अब लोन महंगा हो सकता है. दरअसल बैंक ने 2 करोड़ रुपये और उससे अधिक की घरेलू थोक सावधि जमा (domestic bulk term deposit) पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. बैंक ने संशोधन के परिणामस्वरूप एक वर्ष में परिपक्व होने वाली जमाराशियों पर ब्याज दरों में वृद्धि की है. बैंक की वेबसाइट के मुताबिक यह 15 जुलाई, 2022 से प्रभावी है.
एसबीआई एफडी दरें (SBI FD Rates)
बैंक 7 दिनों से 45 दिनों में मैच्योर होने वाली जमा पर 3.50 प्रतिशत की ब्याज दर देना जारी रखेगा. वहीं SBI 46 दिनों से 179 दिनों में मैच्योर होने वाली सावधि जमा पर 4.00 प्रतिशत की ब्याज दर देना जारी रखेगा. 180 दिनों से 210 दिनों तक मैच्योर होने वाली जमा पर SBI 4.25 प्रतिशत की ब्याज दर देना जारी रखेगा, जबकि 211 दिनों से एक वर्ष से कम समय में मैच्योर होने वाली सावधि जमा (Fixed Deposits) पर बैंक ने अपनी ब्याज दर 4.50 प्रतिशत पर स्थिर रखी है. 1 साल से 2 साल से कम समय में मैच्योर होने वाली जमाओं पर अब 5.25% की ब्याज दर मिलेगी जो पहले 50 बीपीएस की 4.75% बढ़ोतरी थी.
बैंक 2 साल से 3 साल से कम अवधि में मैच्योर होने वाली जमाओं पर 4.25 फीसदी और 3 साल और 10 साल तक मैच्योर होने वाली जमाओं पर 4.50 फीसदी की दर से ब्याज देना जारी रखेगा. SBI ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि “ब्याज की संशोधित दरें ताजा जमा और मैच्योर जमा के नवीनीकरण पर लागू होंगी. NRO मीयादी जमाराशियों पर ब्याज दरों को घरेलू मीयादी जमाराशियों की दरों के मुताबिक मेल किया जाएगा. ब्याज की ये दरें सहकारी बैंकों (Cooperative Banks) की घरेलू सावधि जमाओं पर भी लागू होंगी."
SBI ने पिछली बार 14 जून, 2022 को 2 करोड़ से कम की सावधि जमा पर अपनी ब्याज दरों में वृद्धि की थी. बदलाव के बाद, एसबीआई अब 7 दिनों से 10 वर्षों में मैच्योर होने वाली जमा पर 2.90 प्रतिशत से 5.50 प्रतिशत के लिए ब्याज दर दे रहा है. आम जनता और वरिष्ठ नागरिकों (FD for senior citizen) के लिए 3.40 प्रतिशत से 6.30 प्रतिशत दिया जा रहा है. लोन पर उधार दर (MCLR) की लेंडिंग रेट में भी SBI द्वारा 10 आधार अंक या 0.10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. आज यानी कि 15 जुलाई से नई उधार दरें लागू होंगी. SBI की वेबसाइट के मुताबिक एक साल की अवधि के लिए MCLR को पिछले 7.40% से बढ़ाकर 7.50% कर दिया गया है. इसके परिणामस्वरूप घरों, ऑटोमोबाइल या व्यक्तिगत वस्तुओं के लिए रिटेल लोन पर उच्च ब्याज दर हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप उच्च समान मासिक किस्तों (EMI) का भुगतान करना होगा.
यह भी पढ़ें:
Monkeypox Cases in India: भारत में पाया गया पहला केस, Insurance Policy से हो सकेगी मरीजों और यात्रियों की मदद
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों (Latest News) पर अलग नज़रिया अब हिंदी में (Hindi News) पढ़ने के लिए, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.