डीएनए हिंदी: अगर आप पहली बार निवेश कर रहे हैं या पहले के निवेश को और भी मजबूत बनाना चाहते हैं.ऐसे में आपके लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) सही है. हालांकि, फायदे का सौदा वही है जहां निवेश में वृद्धि होने के साथ आपकी वेल्थ भी बढ़े. शानदार रिटर्न के लिए कुछ ही विकल्प बाजार में मौजूद हैं जहां आप निवेश कर सकते हैं. यहां हम आपको ऐसे दो विकल्प बता रहे हैं जिसके जरिए आप शानदार रिटर्न पा सकते हैं. इसमेंआप इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) या गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold Mutual fund) में निवेश कर सकते हैं.
ELSS में निवेश करने पर क्या फायदा मिलेगा?
ELSS में 3 साल का लॉक-इन पीरियड (Lock in period) होता है. यानी 3 साल तक आप अपने निवेश किए हुए रुपये नहीं निकाल सकते हैं. यह इस स्कीम का अच्छा फीचर है. दूसरी स्कीम्स की तुलना में इसका लॉक-इन पीरियड काफी कम है.
500 रुपये से कर सकते हैं शुरू
ELSS में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए सिर्फ 500 रुपए से शुरुआत की जा सकती है. हालांकि इसमें आप जितना चाहें उतना निवेश कर सकते हैं. निवेश करने वालों को इसमें दो तरह के ऑप्शन मिलते हैं. इनमें पहला है ग्रोथ और दूसरा है डिविडेंड पे आउट. ग्रोथ ऑप्शन में पैसा लगातार स्कीम में रहता है. साथ ही इसमें फायदा भी बहुत है. दरअसल डिविडेंड ऑप्शन में कंपनियां समय-समय पर फायदा देती हैं. डिविडेंड ऑप्शन (Dividend option) वाली योजनाओं में साल में एक बार डिविडेंड मिल सकता है. हालांकि, कुछ योजनाओं ने तो साल में एक बार से ज्यादा भी डिविडेंड दिया है. वहीं इसमें 80C के तहत टैक्स में छूट भी मिलती है. अगर 1 लाख रुपये के ऊपर प्रॉफिट होता है तो 10% टैक्स देना पड़ता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड में कैसे निवेश करें?
गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ETF का ही एक हिस्सा है. ये ऐसी योजनाएं हैं जो गोल्ड ETF में निवेश करती हैं. गोल्ड म्यूचुअल फंड सीधे फिजिकल गोल्ड में निवेश नहीं करती. गोल्ड म्यूचुअल फंड ओपन-एंडेड निवेश प्रोडक्ट है, जो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF) में निवेश करते हैं और उनका नेट एसेट वैल्यू (NAV) ETFs के प्रदर्शन से जुड़ा हुआ होता है. इसमें आप 500 रुपये के निवेश से भी शुरू कर सकते हैं. अगर इसमें आप 3 साल से ज्यादा समय तक निवेश करते हैं तो इसे लॉन्ग-टर्म माना जाता है.
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