ITR Update: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करने पर जाएंगे जेल, क्या कहता है कानून?

नेहा दुबे | Updated:Jul 28, 2022, 05:25 PM IST

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Income Tax Department लगातार करदाताओं को अपना रिटर्न भरने की चेतावनी दे रहा है लेकिन कुछ करदाता इस उम्मीद में बैठे हैं कि इस बार भी रिटर्न की तारीख आगे बढ़ जाएगी. अगर आप निर्धारित तारीख पर कर भरने से चूक जाते हैं तो आपके सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है.

डीएनए हिंदी: वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि निकट आ गई है और अभी तक कई करदाताओं ने अपना रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है. अगर आप भी इसी उम्मीद में बैठे हैं कि रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ा दी जाएगी तो इसे छोड़ दें और जल्द ही रिटर्न फाइल करें. नहीं तो आप पर आयकर विभाग का चाबुक चल सकता है.
 
बता दें कि आयकर अधिनियम (Income Tax Act) उन करदाताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देता है जो रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं और यहां तक ​​कि उन्हें जेल भी भेजते हैं. इस साल रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई तय की गई है और आयकर विभाग लगातार करदाताओं को आखिरी तारीख से पहले रिटर्न दाखिल करने की सलाह दे रहा है. अगर आप निर्धारित समय के भीतर अपना रिटर्न दाखिल करने में विफल रहते हैं तो आपको 5 हजार रुपये तक का लेट फी भी देना पड़ सकता है.
 
क्या कहते हैं विशेषज्ञ

टैक्स एंड इनवेस्टमेंट एडवाइजर बलवंत जैन बताते हैं कि अगर कोई टैक्सपेयर तय समय में अपना आईटीआर फाइल (ITR File) नहीं करता है तो उसे बाद में रिटर्न फाइल करने की आजादी मिल जाती है. इसके लिए 5,000 रुपये तक की लेट फीस जमा करनी होगी. वहीं अगर टैक्सेबल इनकम 5 लाख से कम है तो 1,000 रुपये लेट फीस देनी होगी.
 
जैन ने बताया कि एक करदाता एक वित्तीय वर्ष में केवल एक बार अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकता है और किसी भी चूक या गलती के मामले में इसे एक बार संशोधित भी कर सकता है. अगर कोई करदाता निर्धारित समय के बाद विलंब शुल्क के साथ अपना रिटर्न दाखिल करता है तो उसे अपने आईटीआर (ITR) में संशोधन का मौका नहीं दिया जाएगा.
 
दोगुना लगेगा जुर्माना

यदि कोई व्यक्ति निर्धारित समय के भीतर अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर पाता है तो आयकर विभाग उसके कुल बकाया कर का 50 प्रतिशत से लेकर 200 प्रतिशत तक का जुर्माना भी लगा सकता है. इतना ही नहीं उन्हें विभाग द्वारा नोटिस भी जारी किया जाएगा और रिटर्न की समय सीमा समाप्त होने के बाद आईटीआर दाखिल होने तक दैनिक आधार पर ब्याज भी लिया जाएगा. इतना ही नहीं विभाग के पास करदाता पर मुकदमा चलाने का भी अधिकार होगा.
 
7 साल की कैद

आयकर विभाग रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले करदाताओं को जेल भी भेज सकता है. इसके तहत करदाता को 3 साल से लेकर 7 साल तक की कैद हो सकती है. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि विभाग उन सभी करदाताओं के खिलाफ मुकदमा शुरू करे जिन्होंने रिटर्न दाखिल नहीं किया है. जहां बकाया कर 10 हजार रुपये से अधिक है वहां कार्रवाई की जा सकती है.

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