बजट (Union Budget 2023) शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द 'बूज' से हुई है. इसका मतलब है चमड़े का थैला. बाउज शब्द बाद में फ्रेंच में बॉगेट बन गया, जिसका अर्थ है चमड़े का ब्रीफकेस. परंपरागत रूप से, बजट दस्तावेज - जिसमें मुख्य रूप से रेवेन्यू रिसीप्ट और एक्सपेंडीचर से संबंधित कागजात, साथ ही वित्त मंत्री के भाषण शामिल होते हैं. इसे एक भूरे रंग के ब्रीफकेस में ले जाया जाता था, जो अंग्रेजों द्वारा विरासत में दिया गया था.
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आजादी के बाद पहला बजट देश के पहले वित्त मंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था. हालांकि, गणतंत्र भारत का पहला बजट 28 फरवरी, 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया था, जो एक अर्थशास्त्री थे और भारत के पहले रेल मंत्री थे. 1948-49 में पहली बार बजट और अंतरिम बजट का इस्तेमाल किया गया था.
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इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला वित्त मंत्री थीं जिन्होंने 1970 में आम बजट पेश किया था. देश की प्रधानमंत्री के रूप में तब वित्त मंत्रालय में उनकी अहम भूमिका थी. इसलिए, उन्होंने प्रधान मंत्री के रूप में बजट पेश किया.
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स्वतंत्र भारत के 75 साल के इतिहास में पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा बार बजट पेश किया है. उन्होंने कुल 10 बार बजट पेश किया. वह छह बार वित्त मंत्री और चार बार उप प्रधान मंत्री रहे. इसमें दो अंतरिम बजट भी शामिल हैं.
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कई बार ऐसी परिस्थितियां रही हैं जब लोकसभा द्वारा आवंटित और अनुमोदित व्यय वर्ष के अंत से पहले खर्च कर दिया गया है. ऐसे में अतिरिक्त राशि आवंटित की गई. इसके लिए एडिशनल बजट का प्रावधान है. आम बजट पर लागू होने वाली सभी चीजें सप्लीमेंट्री बजट पर भी लागू होती हैं.