Dhirubhai Ambani Birth Anniversary: दिग्गज उद्योगपति की जिंदगी से सीखें निवेश के 5 सबक

28 दिसंबर को देश के मशहूर उद्योगपति रहे रिलायंस ग्रुप के संस्थापक धीरूभाई अंबानी की जयंती है. मामूली शुरुआत से सफल होने की उनकी कहानी प्रेरक है.

धीरूभाई अंबानी ने कितनी मेहनत और संघर्ष से अपनी कंपनी को दुनिया की मशहूर कंपनियों में शुमार किया, यह हम सब जानते हैं. अगर ध्यान से देखें तो उनकी जिंदगी से ही हमें निवेश की बहुत बड़ी सीख मिलती है. आज उनकी जयंती के मौके पर जानते हैं निवेश में कैसे दिग्गज उद्योगपति की जिंदगी का फलसफा देख सकते हैं.

शुरुआत छोटी ही सही लेकिन होनी चाहिए

हम सब जानते हैं कि मशहूर उद्योगपति ने शुरुआत में कुछ दिन तक तुर्की में एक पेट्रोल पंप पर भी नौकरी की थी. उन्होंने उस नौकरी को छोटा काम नहीं समझा. इसी तरह Investment करते हुए कम रकम न सोचें. आप महीने के 1000 रुपये ही भले निवेश करें, लेकिन इस दिशा में एक कदम उठाएं.

रिस्क और नया काम शुरू करने से कभी नहीं डरे

धीरूभाई अंबानी ने अपनी जिंदगी में नए काम में हाथ डालने और जोखिम उठाने का खतरा हमेशा मोल लिया. पेट्रोल पंप की नौकरी छोड़कर वह स्वदेश लौटे. यहां उन्होंने अपने कारोबार की नींव डाली. इसी तरह पर्सनल निवेश में अगर आप मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो नई चीजें सीखनी होंगी. मार्केट के रिस्क को समझना होगा और फैसले लेने होंगे.

'गरीब पैदा होना नहीं मरना गलत है'

धीरूभाई अंबानी ने अपनी जिंदगी में कई बार इस कोट का इस्तेमाल किया. इसका मतलब यह नहीं था कि उनके दिलों में गरीबों के लिए संवेदना नहीं थी. उनके कहने का मतलब था कि यथास्थितिवाद से बचना चाहिए. आगे बढ़ने, कामयाबी पाने के लिए कदम उठाने चाहिए. यही बात हमारे इनवेस्टमेंट पैटर्न पर भी लागू होती है. आपके पास कम पैसे भले हों लेकिन अगर आप सही तरीके से आगे बढ़ेंगे तो सफल होंगे.

अपने लक्ष्य तय करें, अपने लिए सपने देखें

धीरूभाई अंबानी अक्सर कहते थे कि अगर आप सपने नहीं देखेंगे, तो किसी और के सपने पूरे करने के लिए काम करेंगे. ठीक यही बात निवेश पर भी लागू होती है. आपको अपनी जिंदगी में कितना निवेश करना है, कब निवेश करना है और कब तक के लिए करना है, ये लक्ष्य तय करना चाहिए. अगर आप सपने नहीं देखेंगे, तो लक्ष्य भी नहीं तय कर पाएंगे.

चुनौतियों को अवसर में बदलना सीखें

किसी की भी जिंदगी ऐसी नहीं होती है, जिसमें मुश्किलें न हों. इन मुश्किलों का सामना करने का साहस पैदा करना चाहिए. धीरूभाई अंबानी कहा करते थे, 'चुनौतियों को अवसर में बदलना चाहिए.' हम सबको जीवन की मुश्किलों को अवरस में बदलने के तौर पर देखना चाहिए.