सोने-चांदी के भाव में 1,000 रुपये की आई गिरावट, इसकी क्या हैं वजहें

मई के महीने में सोना और चांदी के दाम में उतार-चढ़ाव जारी रहा. कई इंटरनेशनल कारण ऐसे रहे जो जिसकी वजह से सोने और चांदी के दाम में दबाव देखने को मिला.

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 31, 2022, 01:35 PM IST

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मई की शुरुआत में यूएस फेड की ओर से नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा किया था, जिसकी वजह से सोने के भाव में प्रेशर देखने को मिला. 5 मई को आई खबर के अनुसार यूएस फेड ने 0.50 फीसदी ब्याज दरों में इजाफा किया था. साथ फेड ने 95 अरब डॉलर के बांड यील्ड को कम करने का भी ऐलान किया था. जिसका असर सोने के दाम में देखने को मिला है. जानकारों की मानें तो यूएस फेड की ओर से ब्याज दरों में इजाफा करने से डॉलर में तेजी आती है. जो गोल्ड के लिए नेगेटिव सेंटिमेंट दर्शाता है.

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मई में जब यूएस फेड ने ब्याज दरों में इजाफा किया तो डॉलर इंडेक्स में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला. आंकड़ों के अनुसार मई के महीने में डॉलर इंडेक्स 100 के पार रहा जोकि 105 तक पहुंचा. एक्सपर्ट के अनुसार जब डॉलर इंडेक्स में मजबूती देखने को मिलती है तो करेंसी मार्केट कमोडिटी खास मेटल्स पर दबाव बढ़ाता है. निवेशकों का रुझान करेंसी मार्केट पर ज्यादा देखने को मिलता है. जिसकी वजह से सोना और चांदी जैसे सेफ हैवन असेट्स में गिरावट देखने को मिली है.

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मई के महीने में सभी असेट क्लास में गिरावट देखने को मिली है. डॉमेस्टिक शेयर मार्केट से लेकर ग्लोबल शेयर बाजार तक सभी में गिरावट देखने को मिल रही थी. वहीं दूसरी ओर कमोडिटी मार्केट में भी गिरावट का ही दौर देखने को मिल रहा था. एग्री कमोडिटी से ले​कर सभी असेट्स क्लास में गिरावट का दौर था, जिसका असर सोने और चांदी में साफ देखने को मिला. जिसकी वजह से सोना और चांदी की कीमत में 1,000 रुपए की गिरावट देखने को मिली.

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मई के शुरुआती कुछ हफ्तों में क्रूड ऑयल के भाव में करेक्शन देखने को मिला था, जिसकी वजह से सोने और चांदी के दाम में दबाव देखा गया. मई के पहले 15 दिनों में क्रूड ऑयल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे चले गए थे. 10 मई को ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव 99 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था. जिसकी वजह से सोने के दाम में थोड़ा दबाव आ गया. निवेशकों का क्रूड की ओर रुझान देखने को मिला. उसके बादइ आखिरी के 15 दिनों में क्रूड ऑयल का भाव दायरे में कारोबार करता हुआ दिखाई दे रहा है.

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मई के महीने में दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड इंपोर्टर चीन लॉकडाउन में रहा. जिसकी वजह से इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की डिमांड में कमी देखने को मिली. जिसकी वजह से सोने और चांदी के दाम में गिरावट देखने को मिली है. अप्रैल के महीने में चीन की ओर से गोल्ड डिमांड 12 साल के लोअर लेवल पर चली गई थी. मई के आंकड़ें अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि इसी तरह के आंकड़ें देखने को मिल सकते हैं.

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पहले बात इंटरनेशनल मार्केट की करें तो सोने के दाम में एक डॉलर की गिरावट के साथ 1856 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रहा है. जबकि गोल्ड स्पॉट के दाम 1,854.72 डॉलर प्रति ओंस के साथ फ्लैट लेवल पर कारोबार कर रहे हैं. वहीं चांदी की बात करें तो करीब एक फीसदी की गिरावट के साथ 21.91 डॉलर प्रति ओंस और सिल्वर स्पॉट के दाम 21.90 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रहे हैं.

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घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी इंडेक्स पर सोना और चांदी गिरावट देखने को मिल रही है. आंकड़ों की बात करें तो सोना 7 रुपए प्रति दस ग्राम की मामूली गिरावट के साथ 51,087 रुपए प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रहा है. जबकि बीते एक महीने में सोना 1,000 रुपए तक सस्ता हो चुका है. वहीं बात चांदी की बात करें तो कारोबारी सत्र के दौरान चांदी करीब 200 रुपए की गिरावट के साथ 61,687 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही है.

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आईआईएफएल के वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता के अनुसार मई के महीने में कई फैक्टर काम कर रहे थे जिसकी वजह से सोना और चांदी में गिरावट देखने को मिली. जिसमें अहम फैक्टर डॉलर इंडेक्स के 20 साल के हाई पर पहुंचना था. वहीं यूएस फेड की ओर से ब्याज दरों को बढ़ाना भी सोना और चांदी की कीमत में दबाव डाला.