आज औसत भारतीय के पास निवेश के लिए ढेरों विकल्प है लेकिन Gold Investment अब भी लोकप्रिय है. सोने के पीछे भारतीयों की दीवानगी की खास वजहें भी हैं.
सोने में निवेश भले ही पारंपरिक तरीका हो लेकिन भारतीयों के बीच आज भी लोकप्रिय है. Gold Investment के लेकर लोगों की उत्सुकता बरकरार है. इसके पीछे कई वजहें हैं, जिनमें मानसिकता से लेकर सुरक्षित निवेश जैसी बातें शामिल हैं. इन 5 बड़ी वजहों से भारतीय आज भी अपने निवेश का एक हिस्सा सोने में क्यों लगाते हैं.
निवेश का सुविधाजनक विकल्प है
इस पीली धातु में निवेश करना आज भी सुविधाजनक विकल्प है. शेयर मार्केट, इक्विटी तो छोड़ें छोटे शहरों, ग्रामीणों और महिलाएं जो तकनीक के साथ सहज नहीं हैं, उनके लिए यह आसान विकल्प है. सोने का सिक्का किसी भी दुकान, पोस्टऑफिस, बैंक से जाकर महिलाएं आसानी से खरीद सकते हैं. गहनों के साथ भी यही बात लागू होती है.
भरोसमेमंद इनवेस्टमेंट, रिस्क फैक्टर कम
ज्यादातर भारतीय अपनी गाढ़ी कमाई किसी भरोसेमंद निवेश में ही लगाना चाहते हैं. आम मान्यता है कि लाभ भले कम हो, पर नुकसान न हो. सोने में निवेश ऐसे लोगों के लिए सबसे सहज विकल्प है. सोने की कीमतें वक्त के साथ बढ़ी हैं. लोगों को लगता है कि यह ऐसा विकल्प है जिसमें नुकसान की गुंजाइश न के बराबर है.
जरूरत के वक्त आसानी से बेच सकते हैं
सोने में निवेश के लिए भारतीयों की उत्सुकता के पीछे खास वजह है. आम भारतीय का मानना है कि पैसा ऐसी जगह लगाया जाना चाहिए कि जरूरत के वक्त तुरंत मिल जाए. ऐसे में सोना ऐसा निवेश है जिसे बेचने में कोई खास मुश्किल नहीं आती. यही वजह है कि लोगों की ललक इसके लिए कभी कम नहीं हुई.
पोर्टफोलियो मजबूत बनाता है
बढ़िया निवेश उसे ही माना जाता है जिसमें रिस्क, स्थिरता, रिटर्न और विविधता सब संतुलन में हो. सोने में निवेश करने वाले बड़े पैमाने पर टेक सेवी और युवा वर्ग भी है. इसकी वजह है कि यह पोर्टफोलियो को मजबूती देता है. इसके अलावा, यह भी तथ्य है कि जब भी शेयरों में गिरावट होती है ज्यादातर सोने के दाम तब बढ़ते हैं. इसी वजह से सोने में निवेश हर वर्ग, उम्र और क्षेत्र के लोगों के बीच लोकप्रिय है.
अंतरराष्ट्रीय राजनीति में तनाव की स्थिति में सुरक्षा देता है
वित्त विश्लेषक भी यह बात स्वीकार करते हैं कि भू-राजनीतिक दबाव की स्थितियों में सोने में निवेश बढ़ जाता है. इसकी वजह है कि युद्ध जैसी स्थितियां अगर बने तो उस दौरान एसेट में निवेश कम हो जाता है. इसी तरह कच्चे तेल के दाम गिरने के हालात में भी सोने में निवेश बढ़ जाता है.