Ashneer Grover से लेकर Steve Jobs तक जिस कंपनी को बनाया उसी से निकाल दिए गए ये लोग
अशनीर ग्रोवर से पहले भी ऐसे कई फाउंडर्स रहे हैं, जिन्हें उसी कंपनी से बाहर का रास्ता देखना पड़ा, जिसकी उन्होंने नींव रखी थी.
| Updated: Mar 14, 2022, 09:55 AM IST
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स्टीव जॉब्स ने सन् 1976 में एप्पल इंक की नींव रखी और इसे टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी भी बनाया.सन् 1985 में उन्हें कुछ आपसी मतभेदों और विवादों की वजह से अपनी ही कंपनी से निकाल दिया गया था.वह 90 के दशक के आखिरी सालों में फिर से एप्पल के सीईओ बने. एक बार सन् 2015 में अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि इस बात का अहसास मुझे तब नहीं हुआ लेकिन बाद में पता चला कि एप्पल से निकाला जाना मेरे जीवन की सबसे अच्छी घटना थी. इसकी वजह से मैं अपनी जिंदगी के सबसे क्रिएटिव दौर में शामिल हो पाया.जब स्टीव जॉब्स एप्पल में काम नहीं कर रहे थे तब उन्होंने दो और सक्सेसफुल कंपनियां NeXT और Pixar लॉन्च कीं. उन्होंने कहा था कि अगर मुझे एप्पल से नहीं निकाला जाता तो मैं ऐसा नहीं कर पाता.
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अक्टूबर 2007 में फ्लिपकार्ट की शुरुआत की गई थी. शुरू करने वाले थे सचिन बंसल और बिन्नी बंसल. आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई और अमेजन में नौकरी के बाद दोनों ने फ्लिपकार्ट की शुरुआत की. अमेरिका की वॉलमार्ट ने मई में फ्लिपकार्ट को खरीदने की घोषणा की तो दूसरे सह-संस्थापक सचिन बंसल अपनी हिस्सेदारी बेचकर कंपनी से अलग हो गए थे.उन्होंने अपने सारे स्टॉक्स एक बिलियन डॉलर से ज्यादा की कीमत में बेच दिए थे. इसके बाद बिन्नी बंसल ने भी इस्तीफा दे दिया. वॉलमार्ट में उनके खिलाफ गलत व्यवहार को लेकर शिकायतें भी की गई थीं.
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ऐप आधारित कैब प्रोवाइडर कंपनी उबर की शुरुआत करने वाले ट्रेविस कैलानिक को भी सीईओ का पद छोड़ना पड़ा था. साल 2009 में उन्होंने उबर की शुरुआत की. इसके 8 साल बाद साल 2017 में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. उन पर उबर के ऑफिस में यौन उत्पीड़न, भेदभाव और गलत व्यवहार के मामलों को नजरअंदाज करने का आरोप लगा था. उसके बाद उबर के कुछ बड़े निवेशकों ने उन्हें उनके पद से हटा दिया था.
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जैक डोर्सी, इवान विलिय्मस, बिज स्टोन और नो ग्लास ने मिलकर साल 2006 में ट्विटर की शुरुआत की थी. शुरुआत में जैक डोर्सी कंपनी के सीईओ बने थे. लेकिन लगातार उनके खराब मैनेजमेंट की वजह से साल 2008 में इवान विलियम्स ने उन्हें कंपनी से निकाल दिया था. इवान उस समय में कंपनी के प्रमुख निवेशक और चेयरमैन थे. साल 2015 में डोर्सी की कंपनी में वापसी हुई थी.