Mutual Fund: आखिर कब और कैसे निकालें अपना फंड? जानें यहां

अगर आप लॉन्ग टर्म में निवेश करने का सोच रहे हैं तो यहां हम आपको म्यूचुअल फंड से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां दे रहे हैं.

निवेशकों के बीच निवेश के लिए Mutual Fund सबसे लोकप्रिय इन्वेस्टमेंट का तरीका है. अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो यह जानना बेहद जरूरी है कि आप कब इससे अपने पैसे निकाल सकते हैं. मतलब फंड को कब बेचना है या पार्शियल अमाउंट निकाला जा सकता है. रिटेल इन्वेस्टर आमतौर पर म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते हैं.  एक्सपर्ट का मानना है कि लॉन्ग टर्म में इन्वेस्टमेंट करने से मार्केट में हो रहे उथल-पुथल की एवरेजिंग के साथ-साथ कंपाउंडिंग का भी मुनाफा मिलता है. बहरहाल मार्केट एक्सपर्ट कुछ कंडीशन में निवेशकों को म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने की सलाह देते हैं.

फंड के परफॉर्मेंस में स्थिरता

अगर आपने किसी फंड में निवेश किया है और वह अच्छा परफॉर्म न कर रहा हो तो ऐसे में जरूरी है कि ऐसे फंड एस पैसे निकालकर आप कहीं और निवेश कर दें.

इमरजेंसी में फंड निकाल सकते हैं

अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं और आपके सामने कोई इमरजेंसी आ गई. ऐसे में इमरजेंसी से निपटने के लिए आपके पास पर्याप्त फंड नहीं है तो आप म्यूचुअल फंड रिडीम करके पैसे का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि म्यूचुअल फंड रिडीम कराने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से जरूर सलाह लें क्योंकि आपके फंड में डेट और इक्विटी फंड शामिल हो सकते हैं जिसमें आपको डेट फंड रिडीम करना चाहिए.

इन्वेस्टमेंट गोल के करीब

म्यूचुअल फंड में निवेश के दौरान अगर आप अपने इन्वेस्टमेंट लक्ष्य के करीब हैं तो हमारी सलाह है कि अपना फंड रिडीम कर लें. साथ ही इक्विटी फंड से अपना पैसा डेट फंड में लगाएं जिससे आपका निवेश सुरक्षित रहे.

एडवाइजर से सलाह लें

जब कभी भी आप म्यूचुअल फंड रिडीम करने या पार्शियल रिडेंप्शन का सोचें तो सबसे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से राय लें. इससे आप आसानी से फंड से बाहर निकलने का चार्ज और टैक्सेशन के बारे समझ सकेंगे. जल्दबाजी के चक्कर में कई बार फंड से मिले रिटर्न का एक बड़ा हिस्सा चार्जेस और टैक्स में कट जाता है.