ये हैं सबसे अमीर भारतीय सीईओ और कंपनी हेड, जानें कितनी है इनकी संपत्ति

मुकेश अंबानी भले ही एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन हों लेकिन वैश्विक स्तर पर भारतीय मूल के लोगों ने भी अपना डंका बजा रखा है.

डीएनए हिंदीः भारत में हो रहे आर्थिक सुधारों के चलते माहौल बिजनेस फ्रैंडली बनता जा रहा है. इसका परिणाम भी सामने आ रहा है कि प्रत्येक क्षेत्र के बिजनेसमैन लगातार आर्थिक रूप से मजबूत होते जा रहे हैं. मुकेश अंबानी फिलहाल भारत के पहले एवं एशिया के तीसरे सबसे अमीर बिजनेसमैन हैं. इसके विपरीत कई ऐसे बिजनेसमैन हैं जो कि भारत के बाहर अरबपति बने बैठें हैं. आइए हम उनसे आप सभी को रूबरू कराते हैं.

सुंदर पिचाई

भारत के चेन्नई में पिचाई ने आईआईटी खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. उसके बाद, वह M.S. करने के लिए U.S.A गए. सामग्री विज्ञान और इंजीनियरिंग में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से और आगे एमबीए के लिए पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल में प्रवेश लिया, जहाँ उन्होंने सीबेल स्कॉलर की उपाधि प्राप्त की.

पिचाई ने 2004 में Google ज्वाइन की थी. Google के लिए सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक पिचाई द्वारा Google उत्पादों की सूची में Android को शामिल करना था. 2014 में, सुंदर पिचाई ने नेस्ट लैब्स का अधिग्रहण करने के लिए Google को 3.2 बिलियन डॉलर का सौदा करने में भी मदद की. उनकी संपत्ति को लेकर अनुमान लगाया गया है कि उनकी कुल संपत्ति लगभग INR 3300 करोड़ है.

सत्या नडेला

भारत के हैदराबाद में जन्मे सत्या नडेला तकनीक के मामले में विख्यात हैं. नडेला ने 2014 में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ के रूप में स्टीव बाल्मर की जगह ली थी. उन्होंने 1992 में माइक्रोसॉफ्ट ज्वाइन की थी. सीईओ नामित होने से पहले उन्होंने कंपनी भर में उद्यम और उपभोक्ता व्यवसायों दोनों में नेतृत्व की भूमिका निभाई थी.

माइक्रोसॉफ्ट में नडेला ने प्रमुख परियोजनाओं का नेतृत्व किया जिसमें क्लाउड कंप्यूटिंग के लिए कंपनी का कदम और दुनिया के सबसे बड़े क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर में से एक का विकास शामिल है. आज उनकी संपत्ति की बात करें तो उनके पास आज 59 सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है. 

अजय पाल सिंह बंगा

महाराष्ट्र के पुणे में जन्मे अजय पाल सिंह बंगा ने 1981 में नेस्ले के साथ अपने करियर की शुरुआत की. फिर वो पेप्सिको में शामिल हो गए और उदारीकरण के बाद भारत में  इसकी अंतरराष्ट्रीय फास्ट-फूड फ्रेंचाइजी की लॉन्चिंग के दौरान एसोसिएट थे.

जुलाई 2010 से 31 दिसंबर, 2020 तक, उन्होंने मास्टरकार्ड कंपनी के यूएसए के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में कार्य किया. वर्तमान में वो मास्टरकार्ड के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. उन्होंने सिटीग्रुप एशिया पैसिफिक के सीईओ के रूप में भी काम किया है. वर्ष 2016 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया था. उनकी कुल संपत्ति लगभग 7200 करोड़ रुपये  के करीब की आंकी गई है

जयश्री उल्लाल

भारतीय मूल की अरबपति जयश्री उल्लाल ने IIFL वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2020 में दूसरा स्थान हासिल किया था. उन्होंने फेयरचाइल्ड सेमीकंडक्टर और एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेस में इंजीनियरिंग और रणनीति संबंधी पदों के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी. जयश्री वर्ष 2008 से संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित क्लाउड नेटवर्किंग कंपनी, Arista Networks की CEO और अध्यक्ष हैं.

जून 2014 में, कंपनी उल्लाल के नेतृत्व में सार्वजनिक हुई थी. Arista Networks ने 2019 में $2.4 बिलियन का राजस्व हासिल किया था जो पिछले वर्ष की तुलना में दोहरे अंकों की वृद्धि थी. अरिस्टा नेटवर्क से पहले जयश्री उल्लाल ने सिस्को में भी 15 साल से अधिक समय तक काम किया है. अरिस्टा के स्टॉक में भी उनकी 5% हिस्सेदारी है जो उनकी दो बेटियों, भतीजी और भतीजे के लिए अलग रखी गई है. 2018 में, जयश्री को बैरन के "वर्ल्ड्स बेस्ट सीईओ" का खिताब दिया गया था। उनकी कुल संपत्ति लगभग 9100 करोड़ रुपए आंकी गई हैं. 

कुरियन थॉमस

थॉमस कुरियन 2020 की IIFL वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में सबसे अमीर भारतीय कर्मचारियों में से एक हैं. उनका जन्म केरल में हुआ था. कुरियन ने प्रिंसटन विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री पूरी की. उन्होंने न्यूयॉर्क में मैकिन्से एंड कंपनी के साथ अपना करियर शुरू किया और बाद में ओरेकल कॉर्पोरेशन में उत्पाद विकास के अध्यक्ष बने. उनके नेतृत्व में, Oracle फ़्यूज़न मिडलवेयर उत्पाद कंपनी सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले व्यवसायों में शामिल हो गई. नवंबर 2018 में, वह Google के क्लाउड संगठन, यूएसए में शामिल हुए थे. उनकी कुल संपत्ति लगभग 11,300 करोड़ रुपये आंकी गई है.