डीएनए हिंदी: Parliament News- केंद्र सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को देश में नोटबंदी घोषित की थी, जिसमें उस समय चलन में मौजूद 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट को बंद कर दिया गया था. अब सरकार ने उसकी जगह लाए गए 2,000 रुपये के नोट को भी बंद कर दिया है. इसके चलते 1,000 रुपये का नोट फिर से शुरू होने की अफवाह कई बार उड़ चुकी है. यह सवाल मानसून सत्र के दौरान संसद भवन में भी गूंजा है, जिस पर केंद्र सरकार ने एक खास बात कही है. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन में 1,000 रुपये की करेंसी को लेकर सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन साथ ही कहा कि अभी 2,000 रुपये के नोट को विड्रॉल करने का करेंसी मैनेजमेंट ऑपरेशन चल रहा है. इसके लिए देश में दूसरे नोटों की पर्याप्त मात्रा मौजूद है. उनके इस जवाब से माना जा रहा है कि सरकार का 1,000 रुपये के नोट को दोबारा शुरू करने की कोई योजना नहीं है.
2,000 रुपये के नोट को बंद करने पर भी दिया जवाब
सरकार ने मई के महीने में 2,000 रुपये का नोट बंद करने की घोषणा की थी. हालांकि ये नोट 30 सितंबर तक बैंक में डिपॉजिट कराए जा सकते हैं और तब तक ये लीगल टेंडर बने रहेंगे. इसके बावजूद सरकार के महज 7 साल में ये नोट बंद करने पर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं. ये सवाल संसद भवन के अंदर भी सुनाई दिए. सरकार से सवाल पूछा गया कि क्या 2,000 रुपये के नोट को जमा करने की डेडलाइन बढ़ाई जाएगी? वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इसके जवाब में स्पष्ट कर दिया है कि डेडलाइन बढ़ाने की कोई योजना नहीं है. जिन लोगों के पास 2,000 रुपये के नोट मौजूद हैं, उन्हें 30 सितंबर तक ही इन्हें बैंक में में जमा कराना होगा. इसके लिए अभी 2 महीने से ज्यादा का समय बाकी है.
फिर से नोटबंदी की तैयारी में है सरकार?
सरकार से यह भी पूछा गया कि क्या ब्लैक मनी खत्म करने को लेकर फिर से नोटबंदी करने की तैयारी हो रही है? इस पर वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि ऐसी कोई भी योजना नहीं है. ना ही सरकार किसी अन्य करेंसी को बंद करने की योजना पर काम कर रही है. दरअसल सरकार से यह सवाल उन अफवाहों को लेकर पूछा गया था, जो सोशल मीडिया पर चल रही हैं. इन अफवाहों में जल्द ही देश में फिर से नोटबंदी किए जाने की तैयारी होने और इस बार 500 रुपये के मौजूदा नोट को भी बंद किए जाने के दावे किए जा रहे हैं.
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