डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने 19 मई को देश में चल रहे 2000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने को लेकर बड़ा फैसला किया था और नोट बदलने या जमा करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया था. फैसले के एक महीने बाद अब रिजर्व बैंक ने रिपोर्ट जारी की है और बताया कि 72 प्रतिशत नोट बदले या जमा किए जा चुके हैं और करीब 2.62 लाख करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट वापस आ गए हैं.
RBI के मुताबिक 23 मई से 23 जून तक देशभर के बैंकों में 72 फीसदी 2000 रुपये के नोट या तो डिपॉजिट हुए या फिर एक्सचेंज किए गयए हैं. अब बस 28 फीसदी नोट बैंकों में डिपॉजिट या बदलने बाकी है. बता दें कि 31 मार्च 2023 तक कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये मूल्य के दो हजार रुपये के नोट चलन में थे.
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क्या था RBI का फैसला
RBI की गाइडलाइंस के तहत कोई भी व्यक्ति एक बार में 20,000 रुपये तक के 2,000 रुपये के नोटों को बदल सकता. हालांकि बैंक में जमा करने की कोई सीमा नहीं रखी गई है. बता दें कि आरबीआई ने पिछले महीने एक सर्कुलर जारी किया था. इसमें कहा था, भारतीय रिजर्व बैंक की स्वच्छ नोट नीति के अनुसरण में 2,000 रुपये मूल्य वर्ग के नोटों को प्रचलन से वापस लेने का निर्णय लिया गया है. 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे.
2017 से पहले जारी हुए थे 89 फीसदी नोट
अहम बात यह है कि आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा था कि 2000 रुपये के करीब 89 प्रतिशत नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे. बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में लगातार 2000 के नोट कम होते जा रहे थे. साल 2019 के बाद से तो इनकी छपाई तक नहीं हुई थी. 31 मार्च 2023 तक भारत में 2000 रुपये के नोटों का पैसा करीब 3.62 लाख करोड़ था. इसके बाद अचानक आरबीआई ने इन्हें चलन से बाहर करने का फैसला ले लिया.
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 2000 रुपये के नए नोट का अनावरण किया था और 500 और 1000 के पुराने नोट को बंद करने की घोषणा की थी. इसके बाद लोगों बैंकों के बाहर लंबी लाइनें देखने को मिली थीं. जारी होने के सात साल बाद आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का फैसला मई 2023 में किया था.
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