Air India: नए मालिक, नई चुनौतियां, क्या होगा TATA का आगे का प्लान?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 29, 2022, 06:26 PM IST

Air India एक बार फिर से टाटा की हो गई है, इसके साथ आई हैं नई चुनौतियां भी. क्या टाटा ग्रुप तैयार है?

डीएनए हिंदी: सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया लगभग 69 साल बाद टाटा के हाथों में वापस सौंप दी गई है. कर्ज में डूबी एयर इंडिया 27 जनवरी को टाटा ग्रुप के पास लौटी. एयरलाइंस के नए मालिकों के सामने कई चुनौतियां हैं और उन्हें इससे निबटने की योजना बनानी है. इन चुनौतियों में पुराने प्लेन से लेकर ह्यूमन रिसोर्सेज और कई अन्य छोटे-बड़े मसले शामिल हैं. 

मनीकंट्रोल के मुताबिक एयर इंडिया के पूर्व सीओओ गुस्तफ बलदॉफ (Gustav Baldauf) ने कहा है कि सबसे बड़ी चुनौती ग्रुप के लिए एक नया ‘विजन, मिशन और स्ट्रैटजी’ बनाने की है. यह अलग मॉडल, डबलिंग रूट्स में कटौती, सर्विसेज और मार्केट्स और विभिन्न ग्रुप्स के कर्मचारियों की हैंडलिंग के साथ एक नए एयरलाइन सिस्टम को डिफाइन करेगा.

टाटा के पास कितनी एयर लाइन्स हैं

मौजूदा समय में टाटा के पास चार एयरलाइंस – एयर इंडिया (Air India), एयर इंडिया एक्सप्रेस, विस्तारा और एयरएशिया इंडिया है. एयरएशिया इंडिया जल्द ही एयर इंडिया एक्सप्रेस में शामिल हो जाएगी.

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चार एयरलाइन ब्रांड्स का प्रबंधन

बलदॉफ के मुताबिक सिर्फ एक नई कंपनी वाइड क्वालिटी सिस्टम (wide quality system), नए लक्ष्य से ही अलग-अलग एयरलाइन्स को विजन और मिशन पर बनाए रखने में मदद मिलेगी. वे कहते हैं, “टाटा समूह जानता है कि बिजनेस मॉडल्स में ज्यादा बदलाव नहीं होना चाहिए लेकिन घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों रूट्स पर चार्टर फ्लाइट्स, लो कॉस्ट कैरियर से लेकर फुल सर्विस और कार्गो सर्विसेस को भी कवर करना जरूरी है.”

इन्वेस्टमेंट की तुलना में उचित रिटर्न 

बलदॉफ इन्वेस्टमेंट और रिटर्न की बात पर जवाब देते हैं, “यह तीन एयरलाइंस के प्रबंधन का मामला नहीं है, बल्कि यह एक नई, बड़ी और डायवर्स एयरलाइंस को तैयार करना एवम् उसका प्रबंधन है. ज़रूरी है कि यह कॉमन विजन को फॉलो करती हो और एशियन रीजन की एक नई मजबूत प्रतिस्पर्धी बने.”

PSU और  प्राइवेट कैरियर्स में पेमेंट का अंतर

मनीकंट्रोल को दिए गए इंटरव्यू में एयर इंडिया के पूर्व अधिकारी ने कहा कि  “एक PSU की तुलना में प्राइवेट कैरियर्स में प्रोडक्टिविटी पैरामीटर्स ज्यादा जरूरी हो सकते हैं. उदाहरण के लिए एयर इंडिया के पायलट को 70 घंटे का गारंटीड पेमेंट मिलता है, भले ही वह 40 घंटे की उड़ान भरे. ऐसा विस्तारा या एयर एशिया के मामले में नहीं हो सकता.”

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