Amazon ने रिलायंस पर लगाया गंभीर आरोप, फ्यूचर ग्रुप के साथ बातचीत की कोशिश नाकाम

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 16, 2022, 10:40 AM IST

साल 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे पर मुहर लगा दी थी. अब इस मामले को लेकर अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

डीएनए हिंदी: अमेरिका की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और भारतीय कंपनी फ्यूचर रिटेल के साथ विवाद चल रहा है. मंगलवार को इस विवाद पर सुनवाई की गई. इस दौरान अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फ्यूचर रिटेल के रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे पर विवाद को हल करने के लिए फ्यूचर ग्रुप के साथ बातचीत विफल हो गई है. अमेजन ने कोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की है.

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की पीठ में चल रही सुनवाई

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना (N V Ramana) की अध्यक्षता वाली पीठ ने 3 मार्च को अमेजन के दलील को स्वीकार करते हुए फ्यूचर ग्रुप के साथ बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने के लिए 10 दिन का अधिक समय दिया था.

इस बेंच में जस्टिस ए एस बोपन्ना और हेमा कोहली भी शामिल हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय में 5 जनवरी के अमेजन की अपील को लेकर आदेश के खिलाफ सुनवाई कर रही है. इस अपील में अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रिटेल के विलय सौदे पर रोक लगाने की अपील की थी.

अमेजन के अधिवक्ता की दलील 

अमेजन की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि, "अक्सर ऐसा होता है कि कभी-कभी हम बहुत सकारात्मक उम्मीद करते हैं लेकिन अंत बिलकुल भी सकारात्मक नही होता. बातचीत करने की कोशिश की गई लेकिन नही हो पाई." अधिवक्ता ने कोर्ट से मध्यस्थता के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है.

रिलायंस ने 600 फ्यूचर रिटेल पर किया नियंत्रण 

अमेजन ने 3 मार्च को अपील में कहा था कि अब तक एफआरएल (FRL) के लगभग 600 स्टोर का रिलायंस नियंत्रण ले चुकी है. इस पर फ्यूचर ग्रुप के अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि अभी तक रिलायंस ने एक भी स्टोर पर नियंत्रण नहीं किया है.

23 फरवरी को बेंच ने अमेजन और फ्यूचर ग्रुप से एनसीएलटी (एनसीएलटी) से अनुरोध करने के लिए कहा था कि वह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा फ्यूचर ग्रुप की फर्म के साथ सौदे के लिए अमेजन को मंजूरी रद्द करने वाले चुनौती वाली याचिका पर फैसला करे. बता दें 5 जनवरी को अमेजन ने अपील की थी कि रिलायंस रिटेल के साथ फ्यूचर ग्रुप 24,500 करोड़ रुपये का सौदा कर रही है जो कि निवेश समझौते का उल्लंघन है. इस पर बेंच ने सुनवाई स्थगित करने का आदेश दिया था.

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