डीएनए हिंदी: अपूर्व मेहता का जन्म राजस्थान के जोधपुर में हुआ था. उन्होंने पैसे कमाने की तलब लगी तो अपने माता-पिता को छोड़कर अफ्रीकी देश लीबिया पहुंच गए. वहां मन नहीं लगा तो कनाडा चले गए. अप्रवासी भारतीयों को वैसे भी ये देश बेहद रास आता है. अपूर्व मेहता ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, नौकरी भी की लेकिन मन नहीं लगा. साल 2010 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी. उन्होंने अमेज़ॅन, ब्लैकबेरी और क्वालकॉम जैसी कंपनियों में भी काम किया है.
अपूर्व को नौकरी पसंद नहीं थी. उन्हें बिजनेसमैन बनना था. इस चाहत में करीब 20 से ज्यादा उद्यमों की शुरुआत की लेकिन सब फेल रहे. उनका हर प्लान फेल होता गया. उनकी सफलता, खीझ में छिपी हुई थी. अगर परेशान न होते तो शायद कभी सफल ही नहीं होते थे. कनाडा में रहने के दौरान उनके पास कार नहीं थी. कनाडा की भीषण ठंड में वे बस से किराने के सामान खरीदने के लिए दुकानों के चक्कर काट-काटकर थक चुके थे.
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भूख ने बदल दी जिंदगी
एक दिन ऐसा हुआ कि उन्हें भूखा रहना पड़ा. दरअसल उन्हें बेहद भूख लगी थी लेकिन वे अपार्टमेंट में अकेले थे. उनके प्रिज में गर्म सॉस के अलावा कुछ भी नहीं था. सैन फ्रांसिस्को के फ्लैट में उन्हें आइडिया आया कि क्यों न एक ग्रॉसरी ऑनलाइन डिलीवरी कंपनी खोली जाए. अपूर्वा मेहतना ने इंस्टाकार्ट की नींव रख. उन्होंने अपनी शुरूआत ही यहीं से की. शुरुआती दिनों में वह किराने का सामान खुद कैब से पहुंचाते थे क्योंकि उनके पास कार नहीं थी. उनके पास कर्मचारी भी बेहद कम थे. पर ये बिजनेस चल पड़ा.
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कैसे सफल हुआ इंस्टाकार्ट
इंस्टाकार्ट कंपनी चल पड़. उन्हें शानदार शुरुआत तब मिली जब उन्होंने IPO की शुरुआत की. अपूर्वमेहता ने 9,100 करोड़ की भारी कमाई कर डाली. देखते ही देखते ये कंपनी कंपनी राजस्व के मामले में अमेरिका में सबसे बड़ी किराना-डिलीवरी कंपनी बन गई. इंस्टाकार्ट के पास 80,000 से अधिक खुदरा विक्रेताओं और 7.7 मिलियन से अधिक उपभोक्ताओं का बड़ा नेटवर्क है.
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कोविड-19 महामारी के दौरान, मार्च 2021 में यह कंपनी $39 बिलियन तक पहुंच गई. ठीक पांच महीने बाद, अपूर्व मेहता ने सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया और आईपीओ के हिस्से के रूप में कंपनी के बोर्ड में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. ऑफलाइन किराने का सामान खरीदने से तंग आकर, अपूर्व मेहता 8,325 करोड़ की संपत्ति बना ली. अब वह अरबपति हैं.
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