डीएनए हिंदी: पिछले वर्ष मोदी सरकार (Modi Government) ने सार्वजनिक क्षेत्र में विनिवेश को बढ़ावा देने की नीति के तहत एयर इंडिया (Air India) को टाटा ग्रुप (Tata Group) को बेच दिया था. वहीं अब एयर इंडिया के बाद केंद्र सरकार आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के निजीकरण की प्रक्रिया में तेजी ला रही है. बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए केंद्र सरकार जल्दी ही निवेशकों के लिए रोड-शो आयोजित करने की तैयारी में है. इसको लेकर वित्त राज्य मंत्री भगवत किशनराव कराड ने लोकसभा में महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
वित्त राज्यमंत्री ने दी जानकारी
विनिवेश की बात करने के साथ ही वित्त राज्यमंत्री ने यह भी कहा है कि बैंक के कर्मचारियों और शेयरधारकों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा. कराड ने बताया कि सरकार IDBI Bank में रणनीतिक विनिवेश करेगी. आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने पिछले साल 5 मई को बैंक का निजीकरण करने और मैनेंजमेंट कंट्रोल बदलने की मंजूरी दी थी. आईडीबीआई बैंक में सरकार की 45.48 प्रतिशत और सरकारी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी की 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि केंद्र सरकार और एलआईसी कितना हिस्सा बेचेगी इस बारे में अभी जानकारी नहीं दी गई है. पिछले महीने एलआईसी ने यह जरूर कहा था कि वह बैंक में अपनी कुछ हिस्सेदारी रखेगी ताकि बैंक के जरिये बीमा योजनाओं को बेचने का फायदा उठाया जा सके. सरकार एलआईसी में भी अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी आईपीओ के जरिये बेचने जा रही है. इसके लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने सोमवार को फिर से बाजार नियामक सेबी के पास डीआरएचपी (DRHP) जमा किया है.
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जल्द ही बिक जाएगा यह बैंक
इसके साथ ही वित्त राज्य मंत्री भगवत कराड ने बताया कि संभावित निवेशकों की ओर से रुचि पत्र जमा कराने के बाद रोड-शो आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बैंक के निवेशक से यह उम्मीद रहेगी कि वह बैंक में कैपिटल इन्फ्यूजन करे. स्पष्ट है कि सरकार की प्लानिंग जल्द से जल्द इस बैंक से अपने हाथ पीछे खींचने की है. वहीं लगातार हो रहे इन विनिवेशों को लेकर मोदी सरकार को कर्मचारियों और निजीकरण के विरोधियों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है.
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