डीएनए हिंदी: Bharat Aata Launch Date- बाजार में महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. आम जनता को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कई उत्पाद सस्ते दामों पर खुद बेच रही है. सरकार ने हाल ही में सब्सिडी रेट वाली भारत दाल (Bharat Daal) भी मार्केट में उतारी थी. अब सरकार ने लोगों को लगातार महंगे हो रहे गेहूं के दामों से राहत दिलाने के लिए सस्ता भारत आटा (Bharat Aata) भी बाजार में उतारा है, जिसकी कीमत बाजार में मौजूद ब्रॉन्डेड आटा के औसत भाव से करीब 8 से 9 रुपये किलोग्राम तक कम है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार ने अब तक 29.50 रुपये किलोग्राम के भाव से बिक रहे इस आटे के दाम में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की और कमी कर दी है. इसके लिए FCI सेंट्रल पूल से 2.5 लाख टन गेहूं आवंटित कर दिया गया है. यह आटा बेचने की योजना फरवरी में शुरू की गई थी. इसके लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय भंडार, राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NAFED) और NCCF को FCI से 3 लाख टन सस्ता गेहूं भी उपलब्ध कराया था, जिसे आटे में बदलकर 29.5 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से बेचा जा रहा है.
27.5 रुपये किलो हो जाएंगे अब आटे के दाम
Mint की रिपोर्ट के मुताबिक, अब सरकार ने भारत आटे के दामों में 2 रुपये की कटौती कर इसे 27.5 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है. बाजार में मौजूदा ब्रॉन्डेड आटा 35 से 40 रुपये किलोग्राम के भाव में मिल रहा है. ऐसे में ब्रॉन्डेड आटे से सरकारी भारत आटे के दाम 8 से 9 रुपये तक कम रहेंगे. ब्रॉन्डेड आटे का 10 किलो वाला पैकेट औसतन 370 रुपये का है तो भारत ब्रांड आटा 270 से 280 रुपये के बीच में रहेगा.
7 नवंबर से लागू हो सकते हैं नए दाम
भारत ब्रॉन्ड आटे के नए दाम 7 नवंबर से लागू हो सकते हैं. हायर लेवल पर इसे लेकर फैसला हो चुका है. इसे 10 किलोग्राम और 30 किलोग्राम के पैक में उपलब्ध कराया जाएगा. इससे पहले सरकार ने भारत ब्रांड दाल भी मार्केट में उतारी थी. इसके तहत चने की दाल बाजार में 60 रुपये किलोग्राम के हिसाब से उतारी गई थी.
कोरोना के दौर में शुरू हुआ मुफ्त राशन हो सकता है बंद
सूत्रों का कहना है कि सस्ता आटा-दाल उतारने का फैसला सरकार की उस योजना का हिस्सा है, जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत मिल रहा मुफ्त राशन बंद करना है. यह राशन कोरोना महामारी के दौर में शुरू किया गया था, जिसका लाभ देश के 81.35 करोड़ लोगों को मिल रहा है. यह योजना 31 दिसंबर, 2023 में खत्म हो रही है. इसे आगे बढ़ाने को लेकर अभी कोई घोषणा नहीं हुई है. हालांकि माना जा रहा है कि साल 2024 में लोकसभा चुनाव को देखते हुए इसे 30 जून तक बढ़ाया जा सकता है. इस पर फैसला दिसंबर के आखिरी हफ्ते में कैबिनेट बैठक में होने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक, अभी सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त बफर स्टॉक भी मौजूद है. इसलिए यह योजना आगे बढ़ाने में कोई मुश्किल नहीं है. लोकसभा चुनाव के बाद इस योजना को बंद किया जा सकता है.
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