डीएनए हिंदी: ब्लॉकचेन टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल डाटा को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है. सभी ब्लॉक्स एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं इसलिए इसकी हैकिंग करना भी मुश्किल है. अब तक आपने क्रिप्टो के बारे में सुना होगा कि यह ब्लॉकचेन पर बनता है. हालांकि अब भारतीय सरकार ब्लॉकचेन टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल फेक बिलिंग और GST क्लेम पर रोक लगाने के लिए भी करेगी.
मिली जानकारी के मुताबिक पहले चरण में इसे वेयरहाउसिंग (Warehousing) और गुड्स मूवमेंट की मॉनिटरिंग के लिए किया जाएगा. जीएसटी में क्रेडिट फ्लो की टेक्नोलॉजी से मॉनिटरिंग होगी. एक ही आधार से रजिस्टर्ड अलग अलग बिजनेस में क्रेडिट मूवमेंट होगा. इसकी वजह से कागज़ों पर गुड्स सप्लाई दिखा कर फेक क्लेम लेने वालों को तत्काल पकड़ा जा सकेगा. जीएसटी के डिजिटलाईजेशन की प्रक्रिया में कई और नई तकनीक पर काम चल रहा है.
अगर कोई भी फेक बिलिंग या GST क्लेम करता है तो सरकार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) के ज़रिए जीएसटी चोरों को आसानी से पकड़ सकेगी. दरअसल फेक बिलिंग और फेक क्लेम की ब्लॉकचेन सिस्टम से तुरंत रेड फ्लैगिंग हो जाएगी. ब्लॉकचेन सिस्टम के तहत गुड्स का मूवमेंट और डॉक्यूमेंटेशन होगा. इससे कारोबारी के साथ-साथ विभाग को भी सही जानकारी मिल सकेगी. उपभोक्ता को किसी भी तरह कि वर्किंग कैपिटल की दिक्कत नहीं झेलनी पड़ेगी. ITC Ledger से एक राज्य से दूसरे राज्य में क्रेडिट फ्लो की व्यवस्था रहेगी.
क्या होता है ब्लॉकचेन?
ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्की किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. यानी ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर हैं. कई क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए ही संचालित होती हैं.
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