डीएनए हिंदी: आम बजट के पेश होने में अब महज 3 दिन बाकी रह गए हैं. एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोविड से बेहाल अर्थव्यवस्था की स्पीड बढ़ाने के लिए बजट पेश करेंगी. पिछले दो सालों में जिन सेक्टर को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है, वे बजट की ओर विशेष उम्मीद से देख रहे हैं. एजुकेशन सेक्टर उनमें से एक है. माना जा रहा है कि इस बार केंद्र सरकार शिक्षा क्षेत्र के लिए अपने बजट में इजाफा कर सकती है.
कैसा हो सकता है एजुकेशन सेक्टर का बजट
उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बार एजुकेशन सेक्टर के बजट में कटौती नहीं करेगी. पिछले दो सालों में कोरोना और लॉकडाउन से यह सेक्टर खासा प्रभावित रहा है. बीते साल सरकार ने शिक्षा के लिए आवंटित बजट में 6 फीसदी की कटौती की थी. इस कटौती के बाद बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल 93 हज़ार 223 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. 2020 में शिक्षा के लिए 99 हज़ार 311 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था.
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पिछले साल की कटौती के बाद अनुमान है कि सरकार इस बार के बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन 10 फीसदी तक बढ़ा सकती है. 2021 की एजुकेशन बजट कटौती के लिए कोरोना महामारी की वजह से कमजोर आर्थिक हालातों को जिम्मेदार ठहराया गया था. उस वक्त कम की गई रकम को हेल्थ सेक्टर के लिए अलॉट करने की बात कही गई थी.
इस बार के बजट में क्या होगा खास
पिछले दो सालों में ऑफलाइन मोड से ऑनलाइन मोड पर शिफ्ट हुए एजुकेशन सेक्टर की कई नई जरूरतें और मांगें हैं. इस सेक्टर की सबसे बड़ी मांग फिलहाल 18% की GST दर हटाने की है. अनुमान है कि इस बार एजुकेशन सेक्टर की सर्विसेज पर लगने वाले 18 फीसदी GST को घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है.
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