Budget 2024 Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार का पहला आम बजट आज (मंगलवार 23 जुलाई) को पेश होने जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे लोकसभा में बजट पेश करेंगी. इससे पहले मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव होने के चलते फरवरी महीने में अंतरिम बजट पेश किया था, जिसमें चुनावी साल होने के बावजूद आम जनता को बेहद मायूसी का सामना करना पड़ा था. लेकिन मानसून सत्र के दौरान पेश हो रहे इस आम बजट से जनता को राहत की 'बारिश' की उम्मीदें हैं. वित्त मंत्री खुद एक इंटरव्यू में कह चुकी हैं कि जुलाई के बजट में सभी की बात सुनी जाएगी. ऐसे में माना जा रहा है कि बजट में आम जनता को कई तरह की छूट देखने को मिल सकती हैं. आइए आपको उन 5 ऐलान के बारे में बताते हैं, जो निर्मला के बजट में शामिल हुए तो आम आदमी के लिए मंगलवार का दिन 'शुभ' साबित हो जाएगा.
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1. क्या न्यू टैक्स रिजीम में शामिल बढ़ेगी स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट
मोदी सरकार इंकमटैक्स के दायरे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने के लिए न्यू टैक्स रिजीम लेकर आई थी, जिसमें ज्यादा छूट की व्यवस्था थी, लेकिन यह उम्मीद पूरी नहीं हुई है. इसका कारण माना जा रहा था इस रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट का कम होना. इस बार इस लिमिट में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है. माना जा रहा है कि इस रिजीम में इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव हो सकते हैं.
2. ओल्ड टैक्स रिजीम में भी हो सकता है ये बदलाव
सरकार की तरफ से ओल्ड टैक्स रिजीम में भी बदलाव किए जाने की संभावना है. इसमें इनकमटैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है. साथ ही बाकी टैक्स स्लैब भी पहले से ज्यादा सरल किए जा सकते हैं. साथ ही इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को भी 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है.
3. HRA से लेकर इस छूट तक में बदलाव के आसार
केंद्र सरकार से लगातार मकान के किराये के भत्ते (HRA) में छूट की लिमिट को बढ़ाए जाने की मांग हो रही है. यह मांग भी इस बार निर्मला सीतारमण के बजट में शामिल हो सकती है. सैलरी के 50 फीसदी के आधार पर HRA छूट के दायरे में आने वाले शहरों की संख्या बढ़ सकती है. साथ ही धारा 80C के तहत इनकम टैक्स छूट की सीमा को भी बढ़ाया जा सकता है.
4. NPS के तहत भी बढ़ सकती है छूट
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार नए पेंशन सिस्टम (NPS) को भी ज्यादा आकर्षक बनाने की कोशिश कर रही है. इसके तहत NPS में भी बदलाव करते हुए कई तरह की छूट और सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं, जिनकी घोषणा बजट में होने के आसार हैं.
5. क्या पेट्रोल-डीजल भी आएंगे जीएसटी के दायरे में
केंद्र सरकार से जो सबसे बड़ी मांग हो रही है, वो पेट्रोल-डीजल और CNG को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के दायरे में लाने की है. अब तक ये पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स VAT और एक्साइज ड्यूटी के तहत बिक रहे हैं, जिससे अलग-अलग जगह अलग-अलग तरह का टैक्स लगता है. इसकी जगह यदि GST लगेगा तो सभी जगह पेट्रोल-डीजल की कीमतें एक जैसी होंगी और माना जा रहा है कि पब्लिक को कम टैक्स चुकाना होगा, जिससे इन उत्पादों के दामों में कटौती हो सकती है.
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