डीएनए हिंदी: साल 1860 से लेकर अबतक BUDGET में बहुत से बदलाव हुए. इस दौरान कई सरकारें बनीं और न जाने कितने ही रिकॉर्ड मानक तैयार किए गए. किसी के बजट के पिटारे से जनता खुश हुई तो किसी के बजट से जनता में उदासी भी देखने को मिली. यहां हम आपको बताएंगे कि किस तरह बजट का स्वरुप बदलता चला गया.
बजट का समय
- ब्रिटिश काल के हिसाब से साल 1999 तक केन्द्रीय बजट फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर शाम 5 बजे पेश किया जाता है.
- 1999 में पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट पेश करने का समय बदलकर सुबह के 11 बजे कर दिया.
- 2017 से अरुण जेटली ने महीने की आखिरी कार्य दिवस का इस्तेमाल करने की परंपरा को तोड़कर 1 फरवरी से केन्द्रीय बजट पेश करना शुरू किया.
सबसे ज्यादा किसने बजट पेश किया
बजट भाषण में सबसे ज्यादा शब्दों का इस्तेमाल
- 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में मनमोहन सिंह ने 18,650 शब्दों में लंबा बजट भाषण दिया था
- 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली का 18,604 शब्दों के साथ भाषण शब्द गणना के मामले में दूसरा सबसे लंबा भाषण था. जेटली ने 1 घंटे 49 मिनट तक बात की थी
- वहीं 1977 में दिया गया वित्त मंत्री हीरूभाई मुल्जीभाई पटेल का सबसे छोटा बजट भाषण 800 शब्दों में है
बजट पर सबसे लंबा भाषण
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड है, बजट 2020-21 पेश करने के दौरान उन्होंने 2 घंटे 42 मिनट तक भाषण दिया था.
- अस्वस्थ महसूस करने पर उन्हें अपना भाषण सबसे छोटा करना पड़ा था, इस दौरान दो पन्ने पढ़ने के लिए रह गए थे.
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अध्यक्ष से भाषण के शेष भाग को पढ़ा हुआ मानने के लिए कहा.
- इस भाषण के दौरान, उन्होंने जुलाई 2019 का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया, अपने बजट में उन्होंने 2 घंटे 17 मिनट तक भाषण दी थी.
भारत का पहला बजट