डीएनए हिंदीः नए साल से बजट कारें और सुरक्षित होने जा रही है. अगर आप नए साल में कार खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको बिना एयरबैग अब कार नहीं मिलेगी. सरकार ने बजट कारों के लिए भी एयरबैग अनिवार्य कर दिया है. हालांकि इसके लिए लोगों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है. सरकार ने पुरानी कारों के लिए डेडलाइन को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है.
एयर बैग जरूरी
नए नियमों के मुताबिक मंत्रालय ने कहा कि 01 अप्रैल, 2021 के पहले दिन या उसके बाद निर्मित नए वाहनों में आगे की दोनों सीटों के लिए एयरबैग जरूरी. पुराने वाहनों के संदर्भ में मंत्रालय ने कहा था कि 31 अगस्त तक नई गाड़ियों के मौजूदा मॉडलों में भी आगे की ड्राइवर की सीट के अलावा को-पैसेंजर के लिए एयरबैग लगाना अनिवार्य किया था. इस डेडलाइन को सरकार ने 31 दिसंबर तक बढ़ाया था. लेकिन अब सरकार इसे आगे नहीं बढ़ाएगी. सरकार के इस कदम से दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी.
कैसे एयर बैग होंगे?
बजट गाड़ियों में एयरबैग्स ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) 145 के मानकों को अनुरूप होने चाहिए. इन्हें ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स एक्ट 2016 के तहत अधिसूचित किया हुआ होना चाहिए. फिलहाल कंपनियां केवल टॉप वैरियंट्स में ही डुअल फ्रंट एयरबैग्स का फीचर देती हैं. सरकार के इस फैसले के बाद कार निर्माता कंपनियां कारों की कीमतों में 5000 से 7000 रुपये तक का इजाफा कर सकती हैं.
कैसे काम करते हैं एयरबैग
भारत में Rane Madras सबसे बड़ी एयरबैग निर्माता भारतीय कंपनी है, इसके अलावा Bosch भी एयरबैग बनाती है. आमतौर पर गाड़ियों में आने वाले एयरबैग्स कॉटन से निर्मित होते हैं, और इन पर सिलिकॉन की कोटिंग होती है. एयरबैग के भीतर सोडियम एजाइड गैस भरी होती है. कार के बंपर में आगे की तरफ एक सेंसर होता है, जैसे ही कोई चीज वेग से बंपर से टकराती है, तो सेंसर एक्टीवेट हो जाता है और हादसे के दौरान एक सेंकंड से भी कम वक्त में एयरबैग्स खुल जाते हैं, जिससे चोट लगने का खतरा कम होता है और यात्रियों का सिर आगे लगने से बचाता है.
(इनपुट - अंबरीश पांडेय)