डीएनए हिंदी: साल 2021 के वित्तीय बजट में मोदी सरकार (Modi Goverenment) ने एलआईसी के आईपीओ (LIC IPO) का ऐलान किया था लेकिन कोविड (Covid-19) और फिर रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के चलते शेयर मार्केट की अस्थिरता ने सरकार के प्लान की धज्जियां उड़ी दीं. नतीजा यह कि फरवरी में जिस आईपीओ के आने की संभावनाएं थीं वो अप्रैल तक भी नहीं सका है. ऐसे में अब निवेशक आईपीओ का इंतजार कर रहे हैं और उनका सब्र भी टूटने लगा है. इस दौरान अब उनके लिए एक और बुरी खबर सामने आई है.
दरअसल, एलआईसी आईपीओ का इंतजार कर रहे लोगों के लिए जरूरी खबर है. रूस-यूक्रेन जंग के चलते वैश्विक बाजार में छाई बिकवाली और उठापटक के कारण भारतीय बाजार में भी अस्थिरता दिख रही है. ऐसे में केंद्र सरकार आईपीओ (LIC) की वैल्यूएशन में कटौती करने का प्लान कर रही है. खबरें हैं कि सरकार इसकी वैल्यूएशन करीब 30 फीसदी तक कम कर सकती है. बाजार में गिरावट के माहौल में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने लिया बड़ा फैसला किया है.
खबरों के मुताबिक सरकार LIC की वैल्यूएशन (Valuation of LIC) करीब 11 लाख करोड़ रुपये रखना चाहती है जबकि पहले 16 लाख करोड़ रुपये के वैल्यूएशन की योजना बनी थी. एक्स्पर्ट्स की मानें तो सरकार मार्केट के हालात को देखते हुए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ये कम उठा रही है. सरकार के इस फैसले से निवेशकों के लिए लिस्टिंग गेंस की संभावना बढ़ जाएगी. भारतीय बाजार में एफपीआई में भी कमी आई है.
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गौरतलब है कि LIC ने अभी हाल में फरवरी में मार्केट रेगुलेटर के पास ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल किए थे. इस ड्रॉफ्ट के मुताबिक, एलआईसी के कुल 632 करोड़ शेयर में 31,62,49,885 इक्विटी शेयरों बेचने का प्रस्ताव है. इसमें 50 फीसदी हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) के लिए आरक्षित होगा जबकि गैर-संस्थागत खरीदारों के लिए यह 15 फीसदी हो सकता है.
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