डीएनए हिंदी: Rice Export in India- केंद्र सरकार ने देश में चावल की कीमतों को नियंत्रित रखने और पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने पारबॉयल्ड गैर बासमती सफेद चावल (आंशिक उबला हुआ पैक्ड चावल) पर अगस्त में बढ़ाई गई एक्सपोर्ट ड्यूटी को अब 31 मार्च तक के लिए लागू कर दिया है. इससे पहले 25 अगस्त को 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लागू करते समय केंद्र सरकार ने इसकी समयसीमा 16 अक्टूबर तक तय की थी. अब यह एक्सपोर्ट ड्यूटी अगले 5 महीने तक लागू रहेगी ताकि चावल निर्यात को रोका जा सके और भारतीय बाजार में इसकी कमी महसूस नहीं होने दी जाए.
जुलाई से चल रही है गैर बासमती चावल का स्टॉक बचाने की कवायद
वित्त मंत्रालय ने पारबॉयल्ड गैर बासमती सफेद चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी को 31 मार्च, 2024 तक लागू रखने का नोटिफिकेशन शुक्रवार को जारी कर दिया है. इस प्रतिबंध के साथ ही अब गैर बासमती चावल की सभी वैराइटीज प्रतिबंधों के दायरे में आ गई हैं. देश से होने वाले चावल निर्यात में गैर बासमती सफेद चावल की करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी है. केंद्र सरकार ने घरेलू उत्पादन कम होने की आशंका के बाद इस साल जुलाई में गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट को रोकने की कवायद शुरू की थी. जुलाई में गैर बासमती सफेद चावल का निर्यात बैन कर दिया गया था. साथ ही चावल के खुदरा दामों को भी आगामी फेस्टिव सीजन को ध्यान में रखकर 'अंडर चेक' रखा गया था.
पिछले साल सितंबर में टूटे चावल का निर्यात रोका था
केंद्र सरकार ने पिछले साल सितंबर में टूटे चावल को विदेश निर्यात करने पर बैन लगा दिया था. चालू वित्त वर्ष के पहले तिमाही यानी अप्रैल से जून के दौरान देश से करीब 15.54 लाख टन गैर बासमती सफेद चावल निर्यात किया गया था, जबकि साल 2022 में इसी पीरियड के दौरान निर्यात का आंकड़ा 11.55 लाख टन का था. इसे देखते हुए ही सरकार ने जुलाई में गैर बासमती सफेद चावल का निर्यात भी बैन कर दिया था. यह कदम खाद्य पदार्थों के दामों में तेजी और ज्यादा निर्यात को देखते हुए उठाया गया था.
6 मिलियन टन ज्यादा उत्पादन की संभावना है इस साल
भारत ने साल 2022-23 में 4.8 अरब डॉलर कीमत का 45.6 लाख टन बासमती चावल निर्यात किया था, जबकि इसी दौरान 6.36 अरब डॉलर का 177.9 लाख टन गैर बासमती चावल निर्यात हुआ था. इस साल भारत में चावल उत्पादन पिछले साल के मुकाबले ज्यादा रहने का अनुमान है. कृषि मंत्रालय के डाटा के मुताबिक, पिछले साल 129.47 मिलियन टन चावल उत्पादन के मुकाबले इस साल बढ़कर 135.4 मिलियन टन चावल उत्पादन होने की संभावना है.
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