Unemployment Rate: सितम्बर तिमाही में बेरोजगारी दर घटी, इतने लोगों को मिला रोजगार

Written By नेहा दुबे | Updated: Nov 25, 2022, 12:22 PM IST

Unemployment Rate

Unemployment Rate: जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर में कमी देखी गई है. सितम्बर तिमाही में यह घटकर 7.2 प्रतिशत हो गया है.

डीएनए हिंदी: भारत में बेरोजगारी हमेशा से एक बहुत बड़ी समस्या रही है. हालांकि इस बार सितम्बर तिम्हाई के बेरोजगारी दर ने कुछ राहत दी है. दरअसल सितम्बर तिमाही (जुलाई-सितम्बर 2022) में शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर घटकर 7.2 प्रतिशत हो गया है. बता दें कि 24 नवंबर यानी गुरुवार को नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) ने बेरोजगारी दर के आंकड़ों को जारी करके यह जानकारी दी. इसी समय पिछले साल सितम्बर 2021 में बेरोजगारी दर 9.8 प्रतिशत थी. अब अगर आप यह सोच रहे हों कि बेरोजगारी दर क्या होता है? तो बता दें कि बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) का मतलब उपलब्ध कुल व्यक्तियों की संख्या में बेरोजगार लोगों से है. पिछले साल बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी होने की मुख्य वजह कोरोना महामारी को माना जा सकता है. इस दौरान आर्थिक गतिविधियों में भी काफी ठहराव देखने को मिला.

सितम्बर तिमाही के आंकड़े

वहीं सितम्बर तिमाही में बेरोजगारी के आंकड़ों पर नजर डालें तो इससे एक बात साफ होता है कि कोरोना महामारी का प्रभाव धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और देश की आर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है.इसकी वजह से अलग-अलग सेक्टर में रोजगार के नए मौके पनप रहे हैं और लोगों को भरपूर अवसर मिल रहा है.

इधर अगर NSO के पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के आंकड़ों पर नजर डालें तो इए मुताबिक अप्रैल-जून 2022 में 15 साल से ऊपर के लोगों के लिए बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत थी.

महिलाओं के लिए बेरोजगारी दर में वृद्धि

NSO के रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि शहरी इलाकों में 15 साल से ऊपर की महिलाओं में बरोजगारी दर जुलाई-सितम्बर 2022 में घटकर 9.4 प्रतिशत हो गई. जबकि पिछले साल इसी समय यह दर 11.6 प्रतिशत थी. वहीं अप्रैल-जून 2022 में बेरोजगारी दर 7.1 प्रतिशत थी.

लेबर फाॅर्स पार्टिसिपेशन रेट में वृद्धि

लेबर फाॅर्स पार्टिसिपेशन रेट (LFPR) का मतलब उस संख्या से होता है जिनकी नौकरी लग गई है या लगने वाली है. सितम्बर तिमाही में शहरी इलाकों में लेबर फाॅर्स पार्टिसिपेशन रेट (LFPR) में वृद्धि दर्ज की गई है. LFPR बढ़ कर 47.9 प्रतिशत पहुंच गया है. जबकि पिछले साल इसी दौरान LFPR 46.9 प्रतिशत था. साथ ही अप्रैल-जून 2022 के दौरान यह 47.5 था. 

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