डीएनए हिंदी: देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को चलाना अब बेहद आसान होने जा रहा है. इस साल जयपुर और आगरा हाईवे पर गुड़गांव के सेक्टर-52 के 96 चार्जिंग पॉइंट्स वाले देश के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशंस की तर्ज पर कई चार्जिंग स्टेशंस बनाए जाएंगे.
कितने चार्जिंग स्टेशंस बनाए जाएंगे
दिल्ली से जयपुर तक 280 किमी के हाइवे पर कुल 10 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशंस बनाए जाएंगे. दिल्ली और आगरा के बीच भी 8 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशंस बनाए जाने हैं. खास बात है कि वित्त मंत्री ने जिस बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का ऐलान बजट में किया था कुछ इसी तरह से इन चार्जिंग स्टेशंस पर भी तैयारियां की गई हैं. हर चार्जिंग स्टेशन (Charging Station) पर निजी कैब फ्लीट तैनात रहेगी. अगर किसी ने ई कैब सर्विस से ड्राइवर के साथ या खुद चलाने के लिए कार किराये पर ली है तो किसी बायो ब्रेक के लिए 5 मिनट रुकने के बाद ही चार्जिंग स्टेशन से उसी मॉडल की पूरी तरह से चार्ज कार मिल जाएगी. साफ है कि जैसे ही बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लागू हो जाएगी तो कैब फ्लीट के अलावा निजी कार के लिए भी बैटरी मिलना आसान हो जाएगा.
दिल्ली-आगरा के ई-चार्जिंग स्टेशंस
अगर बात करें दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा के ई-चार्जिंग स्टेशंस (E-Charging Station)की तो इन दोनों हाईवेज़ पर बनने वाले स्टेशन 75-75 पॉइंट्स के होंगे. बाकी सभी स्टेशंस पर 20-20 गाड़ियों की बैटरियां चार्ज हो सकेंगी. दोनों ही हाइवे पर एक-एक चार्जिंग स्टेशन सोलर आधारित होगा. सभी फास्ट चार्जिंग स्टेशन होंगे जिनमें केवल डेढ़ घंटे में बैटरी फुल चार्ज हो सकेगी. इलेक्ट्रिक कार चलाने में कुल खर्चा डेढ़ रुपए प्रति किलोमीटर आएगा. चार्जिंग स्टेशन पीपीपी मॉडल (PPP model) पर बनाए जा रहे हैं और ये काम इसी साल पूरा करने का लक्ष्य है. इस सफर के दौरान अगर कार कहीं पर 10 मिनट के लिए खड़ी हो जाए तो कंट्रोलरूम से तुरंत फोन आ जाएगा. इन दोनों हाईवेज के बाद अगले साल 9 और हाइवेज पर चार्जिंग स्टेशन बनेंगे और इसकी योजना भी तैयार हो चुकी है. इन हाईवेज में शामिल हैं
- मुंबई-सूरत
- अहमदाबाद-वडोदरा
- मुंबई-पुणे
- बेंगलुरु-मैसुरु
- बेंगलुरु-चेन्नई
- ईस्टर्न पेरीफेरल
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे
- आगरा-दिल्ली हाइवे
- और हैदराबाद आउटर रिंग रोड एक्सप्रेस-वे शामिल हैं
इसके बाद अगले फेज़ में देश के 9 महानगरों मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, सूरत और पुणे को जोड़ने वाले 5-5 हाइवे इलेक्ट्रिक हाइवे में तब्दील किए जाएंगे.
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