Employee Benefit Scheme: कर्मचारियों के लिए कितने फायदेमंद और रिस्की है ESOP?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 13, 2022, 05:13 PM IST

ESOP

अगर आपको आपकी कंपनी की तरफ से ESOP मिला है और आपको समझ नहीं आ रहा कि इसका कैसे फायदा उठाया जा सकता है, तो यहां पढ़ें.

डीएनए हिंदी: हर कंपनी अपने कर्मचारियों के फायदे को ध्यान में रखकर उन्हें सैलरी (Salary) के अलावा कई तरह के बेनेफिट्स देती है. इसी में से एक है एंप्लाई स्टॉक ऑप्शन प्लान या एंप्लाई स्टॉक ओनरशिप प्लान (Employee Stock Ownership Plan- ESOP). इस तरीके से कंपनियां कर्मचारियों को अपनी ही कंप नी के स्टॉक में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं. इस तरह यह कंपनी और कर्मचारियों दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि कंपनियां कर्मचारियों को सस्ते दाम में अपने शेयर देती हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ESOP में पैसा लगाने से कर्मचारी उसके प्रदर्शन पर पहले से ज्यादा ध्यान देते हैं.

ESOP के काम करने का तरीका

ESOP के तहत कंपनी अपने कर्मचारियों को एक तय कीमत पर निश्चित अमाउंट में कंपनी का स्टॉक खरीदने का आप्शन देती है. यह स्टॉक मार्केट प्राइस से काफी कम होती है. इसे कंपनिया अपनी शर्तों के मुताबिक डायरेक्ट स्टॉक, प्रॉफिट-शेयरिंग स्टॉक या बोनस के तौर पर जारी करती हैं. हालांकि इसमें कंपनी लाभार्थियों, शेयर की कीमत और उसकी संख्या का फैसला करती है जिसके बाद एक निर्धारित तारीख पर कर्मचारियों को अलॉट किया जाता है. बता दें कि ये शेयर एक निश्चित समय तक ट्रस्ट फंड के पास रहते हैं. इसे ही वेस्टिंग पीरियड कहते हैं. सबसे अहम बात इस पीरियड के दौरान शेयरों की होल्डिंग हासिल करने के लिए कर्मचारियों को कंपनी के साथ जुड़े रहना जरूरी होता है. अब कर्मचारी वेस्टिंग पीरियड कम्पलीट करने के बाद ESOP का इस्तेमाल कर सकते हैं. कर्मचारी चाहें तो शेयरों को बेचकर मुनाफा भी कमा सकते हैं.

ESOP से होने वाले घाटे

  1. तय डेट से पहले शेयर कर्मचारियों के नाम ट्रांसफर नहीं हो पाते जिसकी वजह से लिक्विडिटी का खतरा है.
  2. नेट प्रॉफिट पॉजिटिव रखने के लिए ESOP की टैक्स देनदारी का कैलकुलेशन पहले ही कर लें.
  3. कंपनी के प्रदर्शन में कहीं भी गिरावट आने पर शेयरों में गिरावट आ सकती है.
  4. कंपनी अगर किसी फर्जीवाड़े या दिवालिया में फंसी टैब भी शेयरों में गिरावट आ सकती है.
     

ESOP पर टैक्स देनदारी 

ESOP पर दो तरह से टैक्स देनदारी बंटी है. पहला लेने के समय और दूसरा बेचने के समय. जब कर्मचारी ESOP के तहत शेयर खरीदते हैं तब इसपर TDS काटा जाता है. इसके शेयरों की बिक्री करने के बाद होने वाले मुनाफे पर भी टैक्स चुकाना होता है.

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