डीएनए हिंदी: बीते दो दिनों से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की पीएफ के इंटरेस्ट रेट को लेकर बैठक चल रही थी. अब इस बैठक में हुआ एक अहम फैसला सामने आया है. इसका 7 करोड़ पीएफ खाताधारकों पर बड़ा असर होगा. ईफीएफओ ने पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर को कम कर दिया है.
बताया जा रहा है कि उम्मीद से कम रिटर्न और मौजूदा स्थिति को देखकर यह फैसला लिया गया है. यह भी कहा गया है कि ईपीएफओ के पास सरप्लस राशि उम्मीद से कम रही और यूक्रेन व रूस की स्थिति को देखते हुए अभी बाजार में उथल-पुथल जारी रहने की संभावना है. अबव इस वित्तीय वर्ष में EPF सब्सक्राइबर्स को 8.10% ब्याज मिलेगा. यह पिछले 10 सालों में सबसे कम ब्याज दर है.
पिछले साल मार्च में ईपीएफओ बोर्ड ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज दर की सिफारिश को अंतिम रूप दिया था. बता दें कि सीबीटी (CBT) का नेतृत्व केंद्रीय श्रम मंत्री करते हैं और इसमें व्यापार और कर्मचारी दोनों पक्षों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं जो कि ब्याज दर प्रस्ताव निर्धारित करते हैं. तब जाकर वित्त मंत्रालय सिफारिश को मंजूरी देता है.
किस साल में EPFO में कितना मिला ब्याज?
पिछले दो सालों में इसमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया. चालू वित्त वर्ष में इसे 40 बेसिस पॉइंट से घटा दिया गया है. EPFO के इस फैसले का असर 7 करोड़ EPF सब्सक्राइबर्स पर होगा. माना जा रहा है कि मौजूदा बाजार में युक्रेन और रूस के बीच चल रहे जंग की वजह से बाजार में उथल पुथल जारी रहने की संभावना को देखते हुए ब्याज दर में कटौती की गई है. आइए जानते हैं वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर अब तक EPFO के ब्याज दर में कितना बदलाव देखने को मिला है.
वित्त वर्ष 2014-15 में ब्याज दर 8.75%
वित्त वर्ष 2015-16 में ब्याज दर 8.80%
वित्त वर्ष 2016-17 में ब्याज दर 8.65%
वित्त वर्ष 2017-18 में ब्याज दर 8.55%
वित्त वर्ष 2018-19 में ब्याज दर 8.65%
वित्त वर्ष 2019-20 में ब्याज दर 8.5%
वित्त वर्ष 2020-21 में ब्याज दर 8.5.%
वित्त वर्ष 2021-22 में ब्याज दर 8.10%
वित्त वर्ष 2021-22 में भविष्य निधि जमा पर 8.10 प्रतिशत कर देने से EPF सब्सक्राइबर्स को बड़ा झटका लगा है.
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