EPFO अपने इंवेस्टमेंट लिमिट को बढ़ाने का कर रहा है विचार, 25 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 06, 2022, 12:59 PM IST

ईपीएफओ का अनुमान है कि आने वाले दिनों में शेयर बाजार में बाकी असेट्स के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिल सकता है. 

डीएनए हिंदी: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इक्विटी में अपनी निवेश सीमा को बढ़ाने का विचार कर रहा है. इसे मौजूदा 15 फीसदी से 25 फीसदी तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया जा रहा है. शेयरों में अधिक निवेश का उद्देश्य है रिटर्न की कमी को पाटना. ईपीएफओ का अनुमान है कि आने वाले दिनों में शेयर बाजार (Share Market) में बाकी असेट्स के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिल सकता है. जिसकी वजह से वो अपनी लिमिट का बढ़ाने का विचार रही है. अगर ईपीएफओ का यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो वो हर महीने 3000 करोड़ रुपए का निवेश इक्वि​टी मार्केट में कर सकेगी. 

15 से 25 फीसदी इंवेस्टमेंट लिमिट को बढ़ाने का विचार 
इस मामले पर चर्चा करने के लिए लगभग दो सप्ताह पहले वित्त निवेश और लेखा परीक्षा समिति की बैठक हुई थी. ईपीएफओ केंद्रीय न्यासी बोर्ड यानी सीबीटी की जून के अंतिम सप्ताह में होने वाली बैठक में समिति के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार सिफारिश को अंतिम मंजूरी के लिए श्रम और वित्त मंत्रालयों को भेजा जाएगा. सीबीटी के एक सदस्य प्रभाकर बाणासुरे ने ईटी को जानकारी देते हुए कहा कि निवेश समिति ने दो चरणों में इक्विटी निवेश को दैनिक प्रवाह के 25 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है- पहले चरण में 20 फीसदी और फिर दूसरे चरण में 25 फीसदी तक. रोडमैप और उच्च निवेश सीमा के विवरण का पता नहीं लगाया जा सका. 

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एमएफ के साथ की बैठक
ईपीएफओ के अधिकारियों ने हाल ही में प्रमुख म्यूचुअल फंडों से मुलाकात की और इक्विटी योजनाओं में संभावित निवेश के रास्ते पर फीडबैक लिया. ईपीएफओ द्वारा संचालित सेंसेक्स और निफ्टी पर नज़र रखने वाले एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के माध्यम से इक्विटी में निवेश करता है. ईपीएफओ सक्रिय रूप से प्रबंधित इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं या सीधे शेयरों में निवेश नहीं करता है.

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हर महीने ईपीएफओ कर सकेगी 3000 करोड़ रुपए का निवेश 
15 फीसदी की सीमा पर, ईपीएफओ ​​इन ईटीएफ में लगभग 1,800-2,000 करोड़ रुपए का निवेश करता है. केंद्रीय भविष्य निधि निकाय के बारे में कहा जाता है कि उसे प्रतिदिन औसतन 600 करोड़ का इनफ्लो प्राप्त होता है, जिसमें से वह क्लेम के निपटाने के लिए लगभग 200 करोड़ रुपए का उपयोग करता है. यह विभिन्न निवेशों के लिए प्रति माह 12,000 करोड़ में तब्दील हो जाता है. यदि इक्विटी निवेश की सीमा 25 फीसदी तक बढ़ जाती है, तो ईपीएफओ ​​संभावित रूप से हर महीने शेयर बाजार में लगभग 3,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकता है. बाणासुरे के अनुसार हमारा मानना ​​है कि अगले कुछ वर्षों में इक्विटी से अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना है. 

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