डीएनए हिंदी: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया गया है. अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद पहले से ही उम्मीद थी कि उनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है. सीबीआई ने उन्हें एनएसई को-लोकेशन मामले में गिरफ्तार किया है. इससे पहले विशेष सीबीआई अदालत ने को-लोकेशन मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
अग्रिम जमानत याचिका हो चुकी थी खारिज
चित्रा पर हिमालय के एक कथित योगी के इशारे पर काम करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है. सीबीआई ने उनकी जमानत का विरोध किया था. अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से ही तय माना जा रहा था कि किसी भी वक्त उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. सेबी का आरोप है कि चित्रा रामकृष्ण ने एनएसई से जुड़ी गोपनीय जानकारी अज्ञात व्यक्ति के साथ साझा की थी. इन गोपनीय जानकारी में एनएसई के 5 साल के वित्तीय अनुमान, डिविडेंट पेआउट रेश्यो, एक्सचेंज का बिजनस प्लान और एनएसई के बोर्ड मीटिंग का एजेंडा शामिल है.
कौन है हिमालय का अज्ञात योगी?
सीबीआई ने हाल ही में एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (जीओओ) आनंद सुब्रमण्यम को चेन्नई से गिरफ्तार किया था. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हिमालय का योगी कोई और नहीं बल्कि बल्कि आनंद सुब्रमण्यम ही हैं. सुब्रमण्यम पर एनएसई के कामकाज में दखल देने का आरोप है. चित्रा पर आरोप है कि वह सुब्रमण्यम के इशारों पर ही काम करती थीं.
को-लोकेशन के जरिए पहुंचाया ब्रोकरों को फायदा?
को-लोकेशन मामला में मुख्य आरोप कुछ ब्रोकरों को लाभ पहुंचाने का है. कुछ ब्रोकरों को एनएसई की को-लोकेशन सुविधा के जरिए सूचना के मामले में तरजीह देने का आरोप है. आरोप है कि इसके जरिए कुछ ब्रोकरों को लॉगिन और डार्क फाइबर तक जल्दी पहुंच की सुविधा उपलब्ध थी. डार्क फाइबर से ब्रोकरों को एक्सचेंज के आंकड़े सेकेंड के कुछ हिस्से पहले ही मिल जाते थे. जल्दी सूचना मिलने पर उन्हें अच्छा खासा लाभ होता था.