FADA: दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट, फरवरी का ऑटो रिटेल 9.21% गिरा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 04, 2022, 11:29 AM IST

FADA ने फरवरी महीने में कुल वाहन खुदरा का डाटा जारी कर दिया है जो कि पिछले साल के मुकाबले काफी कम है.

डीएनए हिंदी: फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) हर साल कुल वाहन खुदरा का डाटा निकालता है. FADA ने हाल ही में फरवरी महीने के कुल वाहन खुदरा का डाटा निकाला है जो कि पिछले साल के मुकाबले काफी कम है. फाडा ने शुक्रवार को कहा कि फरवरी महीने के लिए कुल वाहन खुदरा 9.21 प्रतिशत नीचे था. फरवरी 2020 के मुकाबले यह 20.65 प्रतिशत नीचे था.

बता दें कि साल दर साल तिपहिया और वाणिज्यिक वाहन (commercial vehicle) खुदरा में 16.64 प्रतिशत और 7.41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि दोपहिया में 10.67 प्रतिशत, यात्री वाहन (passenger vehicle) में 7.84 प्रतिशत और ट्रैक्टर खुदरा में 18.87 प्रतिशत गिरावट आई है.

एसोसिएशन ने बताया कि दोपहिया कैटेगरी को ग्रामीण संकट और स्वामित्व की उच्च लागत का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. इस बीच PV की मांग मजबूत बनी हुई है और सेमीकंडक्टर की कमी होने की वजह से प्रोडक्शन में कमी आ रही है.

FADA ने साथ ही यह भी कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग की वजह से कच्चा तेल महंगा हुआ है जिसका असर भारत के ऑटो रिटेल पर पड़ रहा है. यह सेमीकंडक्टर के लिए कच्चे माल की आपूर्ति को बाधित करेगा.

FADA का जारी किया गया डाटा:

FADA के अध्यक्ष विकेश गुलाटी ने कहा, "दोपहिया सेगमेंट में सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. अधिग्रहण की लागत लगातार कमजोर हो रही है. कॉरपोरेट और स्कूल घर से सुचारू होने की वजह से शहरी मांग भी प्रभावित हो रही है."

उन्होंने कहा कि भले ही PV सेगमेंट में कुछ व्हीकल लॉन्च हुए और उनका प्रोडक्शन बेहतर रहा जिसकी वजह से अच्छी सप्लाई हुई लेकिन ग्राहकों की मांग की अगर बात की जाए तो यह पर्याप्त नहीं है. वाहनों की प्रतीक्षा अवधि पिछले कुछ समय से जस की तस बनी हुई है.

गुलाटी ने जानकारी देते हुए कहा कि कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री में सालाना आधार पर मामूली सुधार हुआ है लेकिन अभी इसमें और सुधार की जरूरत है.
एसोसिएशन ने आगे कहा कि एक अनुमान के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होने की वजह से सरकार लंबे समय तक पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों पर रोक नही लगा पाएगी. राज्य के चुनाव परिणाम आने के बाद तेल विपणन कंपनियां ईंधन की कीमतों में कम से कम 10 से 15 रुपये की वृद्धि करेंगी.

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