जबरदस्ती सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते रेस्ट्रां, सरकार ने दी कड़ी चेतावनी 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 24, 2022, 09:22 AM IST

सांकेतिक तस्वीर

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने कस्टमर्स से जबरन सर्विस चार्ज वसूलने को लेकर सख्त रुख अपना लिया है. 2 जून को मीटिंग बुलाई गई है.

डीएनए हिंदी: अगर आप भी रेस्टोरेंट में खाना खाने के शौकीन हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. सरकार ने रेस्टोरेंट से सर्विस चार्ज वसूलने पर अलर्ट जारी किया है. उपभोक्ता विभाग ने कहा है कि रेस्टोरेंट कस्टमर्स से जबरन सर्विस चार्ज (Service Charge) नहीं वसूल सकते हैं. सरकार ने कहा कि कस्टमर सर्विस चार्ज देने के लिए बाध्य नहीं है. सर्विस चार्ज का भुगतान करना कस्टमर्स पर निर्भर है. लेकिन कई शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने कार्रवाई की है. सरकार ने सर्विस चार्ज के इश्यू पर रेस्तरां मालिकों के साथ बैठक बुलाई है. यह बैठक 2 जून को होगी. नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होंगे.

2 जून को होगी बैठक 
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के तहत आने वाले उपभोक्ता विभाग (डीओसीए) ने यह बैठक बुलाई है. यह बैठक नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ होगी. विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक बैठक के दौरान रेस्टोरेंट्स द्वारा लगाए जाने वाले सर्विस चार्ज से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. सरकार ने 2017 में गाइडलाइन जारी की थी. जिसमें कहा गया था कि सर्विस चार्ज वॉलेंटरी है. यह कस्टमर्स पर निर्भर करता है कि सर्विस चार्ज देना है या नहीं. इसके बावजूद सरकार को शिकायतें मिल रही थीं. कस्टमर्स की शिकायत है कि रेस्टोरेंट बिल में सर्विस चार्ज जोड़ रहे हैं. इसको लेकर सरकार अब काफी गंभीर हो गई है.

यह भी पढ़ें:— Restaurant ने ग्राहक को सर्विस टैक्स देने के लिए किया था मजबूर, लग गया जुर्माना

बैठक में जोमैटो, स्विगी भी शामिल होंगे
उपभोक्ता विभाग ने 2 जून को नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ बैठक बुलाई है. इस बैठक में जोमाटो, स्वीगी, डेल्हीवरी, ओला और उबर जैसे सर्विस प्रोवाइडर्स को भी बुलाया गया है. यह बैठक उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह द्वारा रेस्तरां बॉडी को एक लेटर लिखने और रेस्तरां द्वारा सर्विस चार्ज के कलेक्शन पर प्रकाश डालने के कुछ दिनों बाद बुलाई गई है. उन्होंने कहा कि रेस्तरां कस्टमर्स से डिफॉल्ट रूप से सर्विस चार्ज ले रहे हैं, भले ही इस तरह के किसी भी चार्ज का कलेक्शन वॉलेंटरी और कंज्यूमर्स पर निर्भर है और कानून के अनुसार अनिवार्य नहीं है. बयान के अनुसार, लेटर में कहा गया है कि उपभोक्ताओं को सर्विस चार्ज का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता है, जो अक्सर रेस्तरां द्वारा मनमाने ढंग से उच्च दरों पर तय किया जाता है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.