Cryptocurrency पर संतुलित रुख अपनाएगी सरकार, प्रधान आर्थिक सलाहकार ने कहीं ये बात

पुष्पेंद्र शर्मा | Updated:Feb 01, 2022, 12:32 AM IST

sanjeev sanyal

सान्याल ने संवाददाता सम्मेलन में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रश्न का उत्तर दिया.

डीएनए हिंदी: भारत में अब तक क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं है. अल सल्वाडोर देश ने बिटकॉइन को अपनाया है लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित वित्तीय स्थिरता के मुद्दे बताए हैं. बजट से पहले प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने सोमवार को कहा कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी के मामले में "संतुलित दृष्टिकोण" अपनाएगी. 

सान्याल ने संवाददाता सम्मेलन में क्रिप्टोकरेंसी पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, यह सरकार के अंदर और यहां तक ​​कि संसद में भी बहस का विषय है. यह इस समय चर्चा में है. हम इसके आसपास के विभिन्न मुद्दों को समझने की कोशिश कर रहे हैं. आरबीआई ने इसके वित्तीय स्थिरता की बात कही है लेकिन अन्य तर्क भी हैं जो नवाचार आदि के संदर्भ में दिए गए हैं. इसपर 'संतुलित नजरिया' रखा जाएगा. 

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सान्याल ने आगे कहा, ऐसा कुछ नहीं है कि हमने इसे आर्थिक सर्वेक्षण में शामिल किया है. फिलहाल मैं इस पर टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हूं कि वर्तमान सोच क्या है क्योंकि यह अभी भी डवलप हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र के प्रबंधन के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की थी. 

इस बैठक में इस बात पर चिंता जताई गई थी कि एक अनियमित क्रिप्टो बाजार "मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग" का जरिया न बन जाए. बैठक को भारतीय रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय के साथ-साथ विशेषज्ञों के परामर्श के बाद आयोजित किया गया था. सरकार का इरादा संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित एक विधेयक लाने का था लेकिन कानून लाने से पहले अधिक विचार-विमर्श करने का फैसला किया गया है. 

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बीजेपी सदस्य जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में वित्तीय मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों से भी चर्चा की थी. इसमें यह सामने आया कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए बल्कि इसे रेगुलेट किया जाना चाहिए. 

आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ विचारों को दोहराया है. रिजर्व बैंक का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी देश आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है. 
 

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