नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी खबर, संसद में Gratuity को लेकर मंत्री ने दिया यह बयान

| Updated: Mar 29, 2022, 06:46 PM IST

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संसद में श्रम और रोजगार राज्य मंत्री से ग्रेच्युटी के बारे में सवाल पूछे गए. इस पर उन्होंने बताया कि इसे 15 से बढ़ाकर 30 दिन करने का प्रस्ताव नहीं है.

डीएनए हिंदी: राज्यसभा में श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (Minister of State for Labor and Employment Rameshwar Teli) रामेश्वर तेली ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी में कोई बदलाव नहीं होगा. उन्होंने कहा है कि कर्मचारियों को साल के 15 दिनों के वेतन के बराबर ही ग्रेच्युटी मिलेगी, इसे बढ़ाकर 30 दिन करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. 

जब रामेश्वर तेली से पूछा गया कि पांच वर्ष से कम काम करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के निजी और संविदा श्रमिकों के लिए ग्रेच्युटी लागू की जाएगी या नहीं? इस पर उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 (Code on Social Security, 2020) के तहत किसी कर्मचारी की नौकरी खत्म होने पर मृत्यु या कोई अन्य दुर्घटना की स्थिति में ग्रेच्युटी के लिए 5 साल की निरंतर सेवा पूरी करना जरूरी नहीं होगा. हालांकि इसे लेकर अभी सामाजिक सुरक्षा संहिता लागू नहीं हुई है. 

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इसके साथ ही यह भी बताया गया कि सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 के तहत किसी भी कर्मचारी को एक साल नियमित काम करने के बाद ही ग्रेच्युटी के योग्य माना जाएगा. हालांकि इस पर अभी संशय है कि इसे एक अप्रैल से लागू किया जाएगा या नहीं. फिलहाल किसी संस्थान में नियमित रूप से 4 साल 240 दिन लगातार काम करने पर ग्रेच्युटी देने का प्रावधान है. 

क्या होती है ग्रेच्‍युटी 
Payment of Gratuity Act 1972 के तहत कर्मचारियों को ग्रेच्युटी मिलती है. ग्रेच्युटी नौकरी छोड़ने या खत्म हो जाने पर कंपनी की तरफ से कर्मचारी को दी जाती है. ग्रेच्‍युटी की कैलकुलेशन सेवा वर्ष x अंतिम वेतन x 15/26 के फार्मूले के आधार पर होती है. 

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