Edible Oil की कीमत कंट्रोल करने पर सरकार सख्त, कस्टम ड्यूटी के बाद उठाया ये बड़ा कदम 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 27, 2022, 06:23 PM IST

Edible Oil की कीमतें बढ़ने के चलते केंद्रीय जांच एजेंसियों ने जमाखोरी करने वालों को निशाने पर ले लिया है और ताबड़तोड़ छापेमारी की गई है.

डीएनए हिंदी: पिछले कुछ महीनों में खाद्य तेल (Edible Oil) के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है जिसके बाद केंद्र सरकार ने इसकी कीमतों को कंट्रोल करते हुए कस्टम ड्यूटी में कटौती की थी. वहीं अब आम जनता को राहत देने के लिए अब सरकार और सख्त हो गई है. दरअसल, खाने के तेल से जुड़ी जमाखोरी पर लगाम लगाने के ल‍िए शुक्रवार को मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में केन्द्रीय टीमों ने छापेमारी की है.

जमाखोरी पर सख्त मोदी सरकार 

आपको बता दें कि सरकार को जानकारी म‍िली है क‍ि Edible Oil और त‍िलहन की भारी मात्रा में जमाखोरी की जा रही है ज‍िससे बाजार में आवक कम होने से लगातार भाव बढ़ रही है. इसका सीधा असर महंगाई पर पड़ रहा है. यह जमाखोरी सरकार के कस्टम ड्यूटी के फैसले को बेअसर करती दिख रही है जिसके चलते अब सरकारी एजेंसियां जमाखोरी करने वालों पर सख्त हो गई है.

2 साल तक नहीं लगेगी कस्टम ड्यूटी

सरकार ने सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी Edible Oil के इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर सेस को मार्च 2024 तक खत्म करने का ऐलान किया है. सरकार के इस फैसले के बाद भी खाने का तेल सस्ता होने की उम्‍मीद जताई जा रही है.

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वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया क‍ि सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में कस्टम ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी.

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