डीएनए हिंदी: हम मशीनों की तरह काम करने के लिए हमेशा नई तकनीक इजात करते रहते हैं लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम वास्तव में इंसान हैं जो गलतियां कर सकते हैं. यह तभी होता है जब कोई गलती बड़े विवाद का कारण बनती है और कुछ ऐसा ही विवाद SBI कर्मचारी की एक गलती के कारण हुआ है.
हाल ही में एक एसबीआई बैंक (SBI) कर्मचारी एक लिपिकीय त्रुटि के कारण एक बड़ी गलती कर बैठा. खबरों के अनुसार कर्मचारी की गलती के कारण धन का दुरुपयोग हुआ जो कि तेलंगाना सरकार की एक लाभार्थी योजना दलित बंधु योजना से जुड़ा है.
विशेष योजना का उद्देश्य प्रति अनुसूचित जाति परिवार को 10 लाख रुपये की एकमुश्त पूंजी सहायता प्रदान करना है. द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार यह योजना अनुसूचित जाति परिवारों को एक उपयुक्त आय सृजन स्रोत स्थापित करने के लिए 100 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करती है.
इस गलती के कारण लोटस हॉस्पिटल्स के 15 कर्मचारियों के (वेतन) खातों में आकस्मिक रूप से 1.50 करोड़ रुपये ट्रांसफर हो गए. प्रत्येक कर्मचारी के खाते में 10 लाख रुपये आए. इसके बाद एक ‘आकस्मिक’ लाभार्थी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. एसबीआई रंगारेड्डी जिला कलेक्ट्रेट शाखा के अधिकारियों ने जैसे ही इस गलती की पहचान की तो उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों से राशि वापस ट्रांसफर करने को कहा.
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि 15 में से 14 कर्मचारियों ने पैसे लौटा दिए, लेकिन महेश नाम का एक कर्मचारी पैसे वापस नहीं कर पाया क्योंकि वह फोन पर उपलब्ध नहीं था. हैरानी की बात यह है कि महेश ने मान लिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके बैंक खाते में 10 लाख रुपये जमा किए गए थे और इसलिए उन्होंने अपना कर्ज चुकाने के लिए कुछ राशि निकाल ली.
Aadhar Card: जल्द ही इलेक्टोरल रोल्स से जुड़ेगा आधार, CEC ने दी जानकारी
द हिंदू ने आगे बताया कि महेश ने बार-बार अनुरोध करने के बावजूद पैसे नहीं लौटाए. इसके बाद बैंक अधिकारी ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. हंगामे के बावजूद बैंक कर्मचारी के खिलाफ उसकी गलती के लिए कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है. अभी तक बैंक अधिकारी महेश के खाते में ट्रांसफर किए गए 10 लाख रुपये में से 6.70 लाख रुपये की वसूली करने में कामयाब रहे हैं. उन्हें बाकी 3.30 लाख रुपये एसबीआई को लौटाने हैं.
Wheat Price: केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान, अगले दस दिनों में कम होंगे गेहूं के दाम
गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.