HDFC Bank ने दिया कस्टमर्स को ब्याज दरों का झटका, जानें कितनी बढ़ेगी आपके होमलोन की EMI

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Mar 29, 2024, 10:27 PM IST

HDFC Bank and HDFC Merger

HDFC bank Home Loan: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की जल्द ही ब्याज दरों को लेकर बैठक होने वाली है. इसमें लोकसभा चुनावों को देखते हुए ब्याज दरें घटने के आसार हैं. इससे पहले HDFC ने ब्याज दरें बढ़ा दी हैं.

HDFC bank Home Loan: लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) से पहले ब्याज दरों में कमी आने की आस लगा रही जनता को HDFC Bank ने झटका दे दिया है. निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक HDFC ने नए वित्त वर्ष से महज दो दिन पहले अपनी होम लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. एचडीएफसी बैंक ने शुक्रवार को रेपो-लिंक्ड होम लोन की ब्याज दरों में 10-15 बेसिस प्वॉइंट्स की बढ़ोतरी कर दी है. इससे होम लोन की दरें 8.70 से 9.8 फीसदी के बीच आ गई हैं. इस कदम से सबसे बड़ा झटका उन लोगों को लगा है, जो नया घर खरीदने के लिए एचडीएफसी बैंक में होम लोन के लिए आवेदन कर चुके हैं. उन्हें अब बढ़ी हुई दरों पर लोन लेना होगा.

रिजर्व बैंक की बैठक से पहले हुआ फैसला

एचडीएफसी बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की MPC मीटिंग से पहले लिया है, जिसमें ब्याज दरों को लेकर फैसला होना है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने RBI पर ब्याज दरों में कमी करने का दबाव बनाया हुआ है. लेकिन अब यदि RBI ब्याज दरें घटाता भी है तो HDFC बैंक के कस्टमर्स को उसका ज्यादा लाभ नहीं मिलने वाला है. 

बढ़ोतरी का बताया है ये कारण

एचडीएफसी बैंक ने अपनी वेबसाइट पर होम लोन की ब्याज दर में बदलाव का कारण भी बताया है. बैंक ने बताया है कि HDFC Bank और HDFC के मर्जर के कारण यह बढ़ोतरी हुई है. अब लागू ब्याज दर रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट (RPLR) के बजाय EBLR (एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट) से जुड़ी होंगी. बैंक ने यह बदलाव बैंकिंग नियामक यानी RBI की तरफ से फ्लोटिंग ब्याज दर को लेकर जारी गाइडलाइंस के तहत किया है. 

नए कस्टमर्स पर ही लागू होगा बदलाव

बैंक ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि ब्याज दरों के लिए RPLR के बजाय EBLR लागू करने का बदलाव केवल नए होम लोन कस्टमर्स पर ही लागू होगा. पुराने ग्राहक अब भी RPLR के दायरे में ही अपना लोन जारी रख सकते हैं. बैंक ने यह भी बताया है कि मर्जर का असर लोन के मौजूदा ROI पर नहीं पड़ेगा. 

क्या है EBLR लागू करने का मतलब

EBLR सीधे तौर पर RBI के रेपो रेट यानी उस ब्याज दर से जुड़ा होता है, जिस पर RBI बैंकों को लोन देता है. बैंक रेपो रेट में अपना मुनाफा जोड़कर ही अपनी ब्याज दर तय करते हैं. फिलहाल RBI रेपो रेट 6.50 फीसदी है, जबकि बैंक होम लोन की ब्याज दर 8.50 फीसदी से शुरू कर रहे हैं. 

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