HDFC Bank ने एमसीएलआर दरों में किया इजाफा, देखें लोन ईएमआई में ​होगी​ कितनी बढ़ोतरी 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 07, 2022, 12:36 PM IST

एचडीएफसी बैंक.

HDFC Bank की वेबसाइट पर दी गई डिटेल के अनुसार इसकी रातोंरात एमसीएलआर 7.50% है, जबकि एक महीने की एमसीएलआर 7.55% है. 

डीएनए हिंदी: भारत के सबसे बड़े प्राइवेट लेंडर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने सभी टेन्योर के लिए लोन पर अपनी सीमांत लागत आधारित उधार दर यानी एमसीएलआर (MCLR)  में 35 आधार अंकों बीपीएस की बढ़ोतरी की है. उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है. जिसकी वजह से बैंक ने अपने लेंडिंग रेट में इजाफा किया है. लेंडिग रेट में इजाफे से आम लोगों की लोन ईएमआई (Loan EMI) में इजाफा हो जाएगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर बैंक की ओर से एमसीएलआर की दरों में कितना इजाफा किया है. 

कितना किया इजाफा 
एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट पर दी गई डिटेल के अनुसार इसकी रातोंरात एमसीएलआर 7.50% है, जबकि एक महीने की एमसीएलआर 7.55% है. तीन महीने और छह महीने की एमसीएलआर क्रमश: 7.60% और 7.70% है. एक वर्ष की एमसीएलआर, जिससे कई उपभोक्ता लोन जुड़े हुए हैं, अब 7.85 फीसदी हो जाएगा, दो वर्षीय एमसीएलआर अब 7.95 फीसदी होगा, जबकि तीन वर्षीय एमसीएलआर 8.05 फीसदी निर्धारित किया गया है. एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट के अनुसार, ये नई दरें मंगलवार, 7 जून, 2022 से प्रभावी हैं. एचडीएफसी बैंक की उधार दर में वृद्धि से घर और अन्य लोन पर ईएमआई की सीमांत लागत आधारित उधार दर से जुड़ी होगी.

एचडीएफसी बैंक की टेन्योर वाइज एमसीएलआर रेट्स 

टेन्योर एमसीएलआर रेट्स 
रात भर  7.50%
1 महीना  7.55%
3 महीने  7.60%
6 महीने  7.70%
1 वर्ष  7.85%
2 साल  7.95%
3 साल  8.05%


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दूसरे बैंकों ने भी किया है इजाफा 
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सहित कई अन्य बैंकों ने भी अपनी एमसीएलआर दरों में वृद्धि की घोषणा की है. बैंक अपनी उधार दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कर रहे हैं क्योंकि पिछले महीने आरबीआई ने एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए में बेंचमार्क उधार दर को 40 आधार अंकों (बीपीएस) से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया था, महंगाई को नियंत्रित करने के लिए अगस्त 2018, के बाद से उधार दरों में यह पहली वृद्धि है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा आगामी नीतिगत बैठकों में रेपो दर फिर से बढ़ाने की उम्मीद है. भारत की खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में आठ साल के हाई पर पहुंच गई, जो लगातार चौथे महीने केंद्रीय बैंक की टॉलरेंस लेवल से ऊपर रही, और इसके ऊंचे रहने की संभावना है.

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