नए साल में हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रीमियम होगा महंगा, जानें क्या होगा असर

| Updated: Dec 15, 2021, 08:48 PM IST

2022 में प्राइवेट हॉस्पिटल्स ट्रीटमेंट और पैकेज चार्जेस में वृद्धि कर सकते हैं. जो सीधे आम जनता की पॉकेट पर असर डालेगा.

डीएनए हिंदी: सोमवार को खुदरा महंगाई दर में इजाफा और मंगलवार को थोक महंगाई दर के आंकड़ों ने जहां लोगों को हैरत में डाल दिया है, वहीं अब प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने भी 10 प्रतिशत चार्जेस बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. दरअसल आने वाले नए साल 2022 में प्राइवेट हॉस्पिटल्स ट्रीटमेंट और पैकेज चार्जेस में 10 परसेंट तक वृद्धि की तैयारी कर रहे हैं.

हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर होगा असर

ट्रीटमेंट और पैकेज चार्जेस में वृद्धि का असर आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर सीधा देखने को मिलेगा. ग्रुप इंश्योरेंस प्रीमियम हर साल रिन्यू होता है जिस पर हॉस्पिटल चार्जेस में वृद्धि का ज्यादा असर होगा और इस दौरान हॉस्पिटल्स के साथ करार रिन्यू होते ही इंश्योरेंस कंपनियां ग्रुप हेल्थ प्रीमियम में वृद्धि करेंगी. वहीं इंडिविजुअल हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम में वृद्धि के लिए IRDAI की मंजूरी मुख्य है. 
हालांकि कोरोना काल में मेडिक्लेम लोगों के लिए मददगार साबित हुआ. अब प्राइवेट हॉस्पिटल्स कोरोना क्लेम के एवज में इंडिविजुअल हेल्थ पॉलिसी में भी कंपनियां प्रीमियम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. इस दौरान इंश्योरेंस कंपनियों के पास कोरोना से जुड़े 25 हजार करोड़ रुपए के क्लेम आए हैं जिस पर कुछ कंपनियों ने प्रीमियम बढ़ाया है और कुछ बढ़ाने की तैयारी में हैं.

टर्म इंश्‍योरेंस प्‍लान पर असर

कोरोना के समय में टर्म इंश्‍योरेंस प्‍लान की डिमांड तेजी के साथ बढ़ी है. ऐसे में री-इंश्योरेंस कीमतों में वृद्धि के चलते कंपनियों को  प्रीमियम की दरों में वृद्धि करनी पड़ सकती है. वहीं इनकम प्रूफ के तौर पर कंपनियां ग्राहकों से पैन कार्ड की कॉपी और बैंक स्टेटमेंट मांग सकती हैं. इसके अलावा पूरी तरीके से मेडिकल जांच करने के बाद ही टर्म इंश्‍योरेंस दिए जा सकते हैं. अनुमान लगाया जा रहा है जिस तरह रीइंश्‍योरेंस कंपनियां क्लेम की दरें बढ़ा रही हैं उससे आने वाले वक्त में टर्म प्लान भी महंगा हो सकता है.