डीएनए हिंदी: कोरोना काल में सेहत सबसे बड़ा मुद्दा रहा है. यही वजह है कि इस दौरान लोगों ने अपनी सेहत और सरकार ने देश के हेल्थकेयर सेक्टर की सेहत दुरुस्त रखने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. इस बार के बजट में भी हेल्थ सेक्टर के लिए कई बड़े एलान किए गए और स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को भी बढ़ाया गया. इसके बावजूद देश में स्वास्थ्य हालातों के मद्देनजर ये रकम काफी कम है.
स्वास्थ्य खर्च के मामले में कितना पीछे है भारत?
दरअसल, स्वास्थ्य खर्च के मामले में भारत अपने पड़ोसी मुल्कों से काफी पीछे है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत में भी स्वास्थ्य पर GDP के 3 परसेंट के बराबर खर्च किया जाना चाहिए.
स्वास्थ्य पर बजट के बाहर से होने वाले खर्च के मामले में भी भारत दुनिया के कई देशों से काफी पीछे है. इस मामले में
यानी भारत में इलाज का खर्च काफी ज्यादा है जिसे कम करने की सख्त ज़रुरत है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लिए उपकरणों, दवाओं के खर्च को भी इंसेटिव्स वगैरह देकर घटाया जाना चाहिए. अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग को सरकार निजी निवेश अथवा अन्य रास्तों से किस तरह बढ़ावा देगी.
यह भी पढ़ें:
Plastic Currency: दुनिया के किन देशों में चलते हैं प्लास्टिक के नोट, जानिए यहां