2008 में किडनैप होने से लेकर अब तक कितनी बदली Gautam Adani की जिंदगी?

| Updated: Apr 07, 2022, 01:17 PM IST

गौतम अडानी

अडानी ग्रुप के CEO को आज पूरा देश जानता है. पूरी दुनिया में अमीरों की सूची में खुद को गौतम अडानी ने 10वें नंबर पर स्थापित कर लिया है.

डीएनए हिंदी: अप्रैल की शुरुआत में जहां महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ी वहीं अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने अपने लंबे समय के दावेदार RIL के अध्यक्ष मुकेश अंबानी से भारत के समबसे अमीर व्यक्ति का ख़िताब छीन लिया है. अडानी समूह की कंपनियों ने शेयर बाजार में अपने दमदार प्रदर्शन के दम पर 100 अरब डॉलर से ज्यादा की कुल संपत्ति वाले अरबपतियों के क्लब में शामिल हो गया.

ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक 3 अप्रैल तक अडानी की कुल संपत्ति 100 बिलियन डॉलर थी, जो उन्हें दुनिया का दसवां सबसे अमीर व्यक्ति बनाता है. वहीं अंबानी की संपत्ति लगभग 99 बिलियन डॉलर हो गई है जिससे लिस्ट में उन्हें 11 वां स्थान मिला है.
अडानी के एक साल की कमाई पर नजर डालें तो यह 23.5 अरब डॉलर रही है. अडानी समूह की कंपनियां जैसे अडानी ग्रीन, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी गैस और अडानी ट्रांसमिशन के स्टॉक्स में एक साल की अवधी में भारी तेजी देखी गई. हालांकि अडानी की कमाई में जितनी उनकी मेहनत और भाग्य देखने को मिलता है उतनी ही उनकी जिंदगी भी चुनौती भरी रही है. आइए जानते हैं अहमदाबाद के बिजनेस टाइकून अडानी के बारे में.

साल 2008 में मुंबई पर जब आतंकी हमला हुआ था उस वक्त गौतम अडानी भी उसी होटल में मौजूद थे. इस आतंकी हमले में जहां 160 लोगों की दर्दनाक हत्या कर दी गई. वहीं गौतम अडानी मौत को मात देकर बिजनेस की दुनिया में खुद को सरताज बनाने में जुट गए. 

1980 के दशक की शुरुआत में, अडानी ने कॉलेज छोड़ने के बाद मुंबई के हीरा क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमाई। प्लास्टिक व्यवसाय में अपने भाई की सहायता करने के तुरंत बाद वह गुजरात लौट आया। 1988 में, उन्होंने एक कमोडिटी ट्रेडिंग कंपनी अडानी एक्सपोर्ट्स की स्थापना की, जो इतनी सफल हुई कि इसने उनके गृह राज्य में व्यावसायिक समाचार पत्रों के पहले पन्ने बना दिए। 1990 के दशक के मध्य तक, उनकी व्यावसायिक सफलताओं ने ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया था, विशेष रूप से अवांछित ध्यान।

अडानी की शुरुआत

साल 1980 के दशक में अडानी (Gautam Adani) ने कॉलेज छोड़ने के बाद मुंबई में हीरा क्षेत्र में किस्मत आजमाई. हालांकि वह बहुत जल्द ही अपने भाई के प्लास्टिक व्यवसाय में मदद करने के लिए गुजरात लौट आए.  साल 1988 में उन्होंने एक कमोडिटी ट्रेडिंग कंपनी अडानी एक्सपोर्ट्स की स्थापना की जो काफी सफल हुई. 1990 तक इनके व्यवसाय ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचना शुरू कर दिया था. 

1997 में गौतम अडानी का अपहरण

मार्केट में बिजनेस जिस तरह से उंचाइंया छूना शुरू किया उसी तरह उनके दुश्मन भी तैयार होने लगे. कॉरपोरेट इंडिया के उभरते सितारे का 1998 में फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया. बता दें फिरौती के तौर पर 1.5 मिलियन डॉलर की मांग की गई थी. जानकारी के मुताबिक फजल-उर-रहमान और भोगीलाल दर्जी को अडानी के अपहरण के मामले में गिरफ्तार किया गया था. साल 2018 में दर्जी को बेल पर रिहा कर दिया गया था जबकी रहमान साबरमती सेंट्रल जेल में अपने आपराधिक रिकॉर्ड की वजह से सजा काट रहा था.

आतंकवादी हमले में बाल-बाल बचे गौतम अडानी

26 नवंबर 2008 को जब आतंकवादियों ने मुंबई के ताज होटल (Taj Hotel) पर हमला किया था. उस वक्त गौतम अडानी उसी होटल में एक मीटिंग में मौजूद थे. हालांकि कमांडो की मदद से वह खुद को बचाकर निकल पाने में सक्षम रहे.

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